फिल्म इंडस्ट्री में अब लौटेगी दिवाली जैसी रौनक

अनुमान है कि कोरोना काल में फिल्म इंडस्ट्री को लगभग पांच हजार करोड़ रुपए का नुकसान झेलना पड़ा। इस दौरान फिल्म उद्योग से जुड़े अनेक कामगारों की जिंदगी में मुश्किलों का स्थायी बसेरा हो गया। यहां तक कि देशभर के सिनेमाघरों से जुड़े कामगार भी रोजी-रोटी को तरस गए। लेकिन अब जबकि वीरान पड़े सिनेमाघर फिर से आबाद होंगे, बड़े सितारों के जलवे जब एक बार फिर सिनेप्रेमियों को अपनी गिरफ्त में लेंगे, जब एक के बाद एक बड़ी फिल्में रिलीज होंगी, तो दर्शक सिनेमाघरों में लौटने लगेंगे।

-श्याम माथुर-

राजधानी दिल्ली और देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में सिनेमाघर और मल्टीप्लैक्स को खोलने की अनुमति मिलने के बाद फिल्म इंडस्ट्री में उम्मीद की एक नई लहर दौड़ गई है। कोरोना वायरस के कारण करीब-करीब दो साल तक सिनेमाघर और मल्टीप्लैक्स बंद रहे और बाद में जब कोरोना के हालात में सुधार नजर आने लगा, तो कुछ राज्यों में तमाम शर्तों के साथ सिनेमाघर खोलने की अनुमति दी गई थी। लेकिन चूंकि देशभर में समान रूप से ऐसी अनुमति नहीं थी, लिहाजा न तो सिनेमाघर पूरी तरह खुल सके और न ही फिल्मकारों ने अपनी फिल्मों को सिनेमाघरों में रिलीज करने में दिलचस्पी दिखाई। लेकिन अब माहौल पूरी तरह सिनेमाघरों के पक्ष में नजर आ रहा है। महाराष्ट्र सरकार ने 22 अक्टूबर से सिनेमाघर खोलने की अनुमति दे दी, जबकि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने 1 नवंबर से सिनेमाघर और मल्टीप्लैक्स को पूर्ण क्षमता से खोलने की अनुमति दे दी है। उधर दक्षिण भारत के बड़े शहरों में सिनेमाघर पहले ही खुल चुके हैं और वहां फिल्म उद्योग धीरे-धीरे पटरी पर आ रहा है।

फिल्म उद्योग में दिलचस्पी रखने वाले लोग जानते हैं कि फिल्मों के कारोबार के लिहाज से दिल्ली और उत्तर प्रदेश का सर्किल काफी महत्वपूर्ण है। उत्तर भारत में किसी भी फिल्म के हिट और फ्लॉप होने का फैसला दिल्ली और उत्तर प्रदेश के दर्शक ही करते हैं, जबकि मध्य भारत में यही भूमिका महाराष्ट्र के सिने दर्शक निभाते हैं। हालांकि महाराष्ट्र में अभी सिनेमाघरों को पचास फीसदी दर्शकों के साथ ही खोलने की अनुमति मिली है और साथ ही तमाम बंदिशें भी लगाई गई हैं, जैसे वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट या सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क वगैरह। फिर भी सिने उद्योग को उम्मीद है कि लगभग दो साल से वीरान पड़े सिनेमाघर अब फिर से आबाद हो जाएंगे और इंडस्ट्री खोई रौनक वापस लौट आएगी।

इन सबके बीच सबसे अहम सवाल यह है कि क्या दर्शक वापस उसी दीवानगी और जुनून के साथ सिनेमाघरों का रुख करेंगे? कोरोना के कारण लंबे समय तक सिंगल स्क्रीन सिनेमा और मल्टीप्लैक्स बंद रहे। कोरोना की दूसरी लहर के शांत होते ही पहले सिनेमाघर आंशिक रूप से खोले गए। जिन राज्यों में सिनेमाघर आंशिक रूप से खोले गए, वहां जब फिल्मों को रिलीज किया गया, तो उन्हें दर्शकों का रिस्पॉन्स नहीं मिला। फिल्म उद्योग इस बात से चिंतित है कि कोरोना महामारी के दौरान लोगों की सिनेमा हाल में जाकर फिल्में देखने की आदत भी छूट गई। लोगों ने घरों में बैठकर ओटीटी प्लेटफार्मों पर फिल्मों का आनंद लिया।

अनुमान है कि कोरोना काल में फिल्म इंडस्ट्री को लगभग 5 हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है। इस दौरान फिल्म उद्योग से जुड़े अनेक कामगारों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। यहां तक कि देशभर के सिनेमाघरों से जुड़े कामगार भी रोजी-रोटी को तरस गए। कोरोना काल में लम्बे समय तक फिल्मों की शूटिंग नहीं होने से हजारों लोग बेरोजगार हो गए। लाखों लोगों की रोजी-रोटी का संकट खड़ा हुआ। अफसोस की बात यह रही कि उनकी मुश्किलें दूर करने के लिए बड़े पैमाने पर कोशिशें नहीं हुईं। ऐसी सूरत में अब नए सिरे से सिनेमाघरों के खुलने से इस तबके को ही सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं। सिनेमा संचालक भी कई दिनों से हताश थे, अब उनके चेहरे पर भी रौनक आ गई है, उन्हें उम्मीद है कि ब्रेक के बाद सिनेमाघर फिर से गुलजार होंगे।

दीपावली पर बड़े बजट की फिल्म सूर्यवंशी रिलीज होने वाली है। इसके साथ ही अलग-अलग बैनर की करीब दर्जनभर से ज्यादा फिल्में भी रिलीज की कतार में हैं। सूर्यवंशी के बाद सैफ अली खान, रानी मुखर्जी स्टारर बंटी और बबली 2’ (19 नवंबर) और जॉन अब्राहम की सत्यमेव जयते 2’ (26 नवंबर) आएगी। अगले महीने आयुष्मान खुराना, वाणी कपूर स्टारर चंडीगढ़ करे आशिकी (10 दिसंबर), रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण की 83’ (25 दिसंबर) और शाहिद कपूर की जर्सी (31 दिसंबर) कतार में है। इन फिल्मों के बाद नए साल की शुरुआत में अक्षय कुमार, मानुषी छिल्लर, संजय दत्त और सोनू सूद स्टारर पृथ्वीराज (21 जनवरी), आमिर खान, करीना कपूर स्टारर लाल सिंह चड्ढा (14 फरवरी) और रणवीर सिंह, शालिनी पांडे की मुख्य भूमिकाओं वाली जयेश भाई जोरदार (25 फरवरी), अक्षय कुमार स्टारर बच्चन पांडे (4 मार्च), रणबीर कपूर संजय दत्त स्टारर शमशेरा (18 मार्च) रिलीज होंगी। बड़ी फिल्मों की कतार में भूल भुलैया 2‘, टाइगर श्रॉफ स्टारर हीरोपंती 2’, अक्षय कुमार भूमि पेडणेकर की रक्षाबंधन और रामसेतु भी रिलीज शेड्यूल में शामिल हैं।

जाहिर है कि जब वीरान पड़े सिनेमाघर फिर से आबाद होंगे, बड़े सितारों के जलवे जब एक बार फिर सिनेप्रेमियों को अपनी गिरफ्त में लेंगे, जब एक के बाद एक बड़ी फिल्में रिलीज होंगी, तो दर्शक सिनेमाघरों में लौटने लगेंगे। हो सकता है कि इसमें कुछ समय लगे। लेकिन उम्मीद की जानी चाहिए कि दर्शक एक बार फिर सिनेमाघरों और मल्टीप्लैक्सों की ओर आकर्षित होंगे और रफ्ता-रफ्ता फिल्म उद्योग की गाड़ी फिर पटरी पर लौट आएगी।

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