दुनिया के 150 मीडिया संस्थानों के 600 से ज्यादा पत्रकारों की मेहनत के बाद सामने आए पैंडोरा पेपर्स

 

  • पैंडोरा पेपर्स लीक में दुनिया के करीब 91 देशों के कई अमीर और शक्तिशाली लोगों का नाम
  • इन दस्तावेजों में 300 से ज्यादा भारतीयों के नाम जिनमें सचिन तेंदुलकर, उद्योपति अनिल अंबानी, नीरव मोदी की बहन और किरन मजूमदार शॉ के पति समेत कई बड़े नाम शामिल

- ब्यूरो रिपोर्ट -

नई दिल्ली। पनामा पेपर्स लीक के बाद अब पैंडोरा पेपर्स लीक सामने आया है। इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स की ओर से की गई जांच में दावा किया गया है कि इस पैंडोरा पेपर्स लीक में दुनिया के करीब 91 देशों के कई अमीर और शक्तिशाली लोगों का नाम हैं, जिन्होंने सरकारों की नजर से अपनी संपत्ति को छुपाने और टैक्स से बचने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का सहारा लिया है। इस पड़ताल में भारत का अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' शामिल था। अखबार के मुताबिक इन दस्तावेजों में 300 से ज्यादा भारतीयों के नाम हैं जिनमें उद्योपति अनिल अंबानी, नीरव मोदी की बहन और किरन मजूमदार शॉ के पति जैसे लोग शामिल हैं। बॉलीवुड के कुछ कलाकारों के नाम भी इसमें शामिल हैं, जिनमे जैकी श्रोफ के नाम को लेकर सबसे ज्यादा हैरानी जताई जा रही है दुनियाभर के 150 मीडिया आउटलेट इस पड़ताल में शामिल हुए हैं।

पैंडोरा पेपर्स में कम से कम 380 भारतीयों का नाम शामिल है। 14 कंपनियों के लाखों लीक दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि दुनियाभर के राजनेताओं, अरबपतियों और अन्य मशहूर हस्तियों ने किस तरह धन बचाने और जमा करने के लिए टैक्स पनाहगाहों का इस्तेमाल किया है।

14 कंपनियों से मिले जिन दस्तावेजों की पड़ताल के आधार पर दुनिया के 150 मीडिया संस्थानों के 600 से ज्यादा पत्रकारों ने जो रिपोर्ट छापी हैं, वे 1996 से 2020 तक के हैं। और जिन कंपनियों व ट्रस्ट बनाने की बात हो रही है वे 1971 से 2018 के बीच स्थापित हुईं।

पैंडोरा पेपर्स के नाम से चर्चित इस खुलासे में ऐसी 29 हजार कंपनियों और ट्रस्ट का पता चला है जिन्हें विदेशों में बनाया गया था। 14 कंपनियों के एक करोड़ 20 लाख दस्तावेजों का इंटरनेशनल कन्सॉर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स ने एक साल तक अध्ययन किया है जिसके बाद ऐसा दावा किया गया है कि विभिन्न देशों के व्यापारियों, उद्योगपतियों, राजनेताओं और खेल व मनोरंजन जगत की मशहूर हस्तियों ने अपना धन छिपाया। रॉक ग्रुप यू2 के सदस्य और एक्टिविस्ट बोनो का नाम पैंडोरा पेपर्स में शामिल कुछ विख्यात नामों में है। बोनो ने माल्टा की एक कंपनी में निवेश किया जिसका नाम न्यूड इस्टेट्स है। गायक के प्रवक्ता ने गलत काम किये जाने से इंकार किया है।

'इंडियन एक्सप्रेस' ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 60 से ज्यादा महत्वपूर्ण लोगों और कंपनियों की पड़ताल की गई है जिनका खुलासा आने वाले दिनों में किया जाएगा। अखबार लिखता है कि पनामा पेपर्स के खुलासे के बाद धनकुबेरों ने अपना धन छिपाने के नए तरीके खोज लिए हैं। मिसाल के तौर पर क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने पनामा पेपर्स खुलासे के सिर्फ तीन महीने बाद ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स में अपनी हिस्सेदारी बेच दी थी। सचिन तेंदुलकर के वकील ने कहा है कि उनका सारा निवेश वैध है।

अब भारतीय उद्योगपति विदेशों में कई ट्रस्ट स्थापित कर रहे हैं ताकि अपने धन को अलग अलग हिस्सों में बांटकर सरकारी निगाहों से बचा जा सकें। इनमें भारत, रूस, अमेरिका और मेक्सिको समेत कई देशों के 130 अरबपति शामिल हैं। विदेशों के जिन बड़े लोगों के नाम पैंडोरा पेपर्स खुलासे में उजागर किए गए हैं उनमें जॉर्डन के राजा, उक्रेन, केन्या और इक्वेडोर के राष्ट्रपति, चेक रिपब्लिक के प्रधानमंत्री और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर शामिल हैं।

इन दस्तावेजों में कम से कम 35 मौजूदा या पूर्व राष्ट्राध्यक्षों के नाम लिए गए हैं। दस्तावेज दिखाते हैं कि किस तरह किंग अब्दुल्ला द्वितीय ने मैलिबु, कैलिफॉर्निया, वॉशिंगटन और लंदन में अपनी 100 मिलियन डॉलर की संपत्तियां बनाने के लिए कर से राहत देने वाली जगहों पर कंपनियों का एक नेटवर्क खड़ा किया। चेक रिपब्लिक के प्रधानमंत्री आंद्रेय बाबिस ने उस विदेशी निवेश को छिपा लिया, जिसके जरिए दक्षिणी फ्रांस में 2।2 करोड़ डॉलर का एक बंगला खरीदा। दस्तावेजों में लगभग 1,000 विदेशी कंपनियों के बारे में पता चला है जिन्हें दुनियाभर के 336 मंत्रियों, नेताओं और सरकारी अधिकारियों ने स्थापित किया था। इनमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के कैबिनेट मंत्री और उनके परिजन भी शामिल हैं।

इंडियन एक्सप्रेस लिखता है, 'पैंडोरा पेपर्स दिखाते हैं कि धन-मशीन दुनिया के हर हिस्से में सक्रिय है। अमेरिका समेत दुनिया के सबसे अमीर देशों की वित्तीय राजधानियां भी इनमें शामिल हैं। अमेरिका और यूरोप में स्थित वैश्विक बैंक, वकालत कंपनियां और अकाउंटिंग फर्म भी इस व्यवस्था को मदद करते हैं।'

 

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