नेशनल फिल्म आर्काइव ने किया ऑनलाइन फिल्म पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन
- ब्यूरो रिपोर्ट -
पुणे। देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के
उपलक्ष्य में देश 'आजादी का अमृत महोत्सव' मना रहा है, ऐसे में नेशनल
फिल्म आर्काइव ऑफ इंडिया, पुणे ने फिल्मों की एक
विशेष आभासी प्रदर्शनी - 'चित्रांजलि @ 75: ए प्लेटिनम
पैनोरमा' का आयोजन किया है। इस
ऑनलाइन प्रदर्शनी की शुरुआत केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और
पर्यटन तथा संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने किया।
'चित्रांजलि @ 75' प्रदर्शनी विभिन्न
भाषा की फिल्मों के 75 पोस्टरों और तस्वीरों के माध्यम से देशभक्ति के विभिन्न भावों
को प्रस्तुत करती है। प्रदर्शनी को तीन खंडों में विभाजित किया गया है: 'सिनेमा की आंख से देखा स्वतंत्रता संघर्ष',
'सामाजिक सुधार का सिनेमा', और 'वीर सैनिकों को
सलाम'। 'सिनेमा के लेंस
के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम' विभिन्न भाषाओं में हमारे
स्वतंत्रता सेनानियों के वीरतापूर्ण कारनामों की कहानियों को चित्रित करता है। स्वतंत्रता
सेनानियों की वीरता और उनके बलिदान को भारतीय सिनेमा में उचित स्थान मिलता रहा है और
ये कहानियां आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।
इस प्रदर्शनी में शामिल कुछ उल्लेखनीय फिल्में
हैं:
1857 (हिंदी, 1946) – यह देश के पहले
स्वतंत्रता संग्राम की पृष्ठभूमि में सुरेंद्र और सुरैया अभिनीत ऐतिहासिक कथा पर आधारित
फिल्म है।
42’ उर्फ बियालिश (बंगाली, 1949) – 1942 की भारत की बेचैनी के काल का विस्तृत विवरण देती हुई फिल्म।
पियोली फुकुन (असमिया, 1955) - असम के
एक ऐतिहासिक चरित्र, बदन बोरफुकन के बेटे पियोली फुकन के जीवन और संघर्ष पर आधारित
फिल्म है जिन्होंने ब्रिटिश कब्जे के खिलाफ विद्रोह किया था। उन्हें मौत की सजा सुनाई
गई और 1830 में जोरहाट में फांसी दे दी गई।
कडु मरकानी (गुजराती, 1960) - काठियावाड़
के कडू मकरानी, उर्फ रॉबिनहुड ऑफ द ईस्ट, जिन्होंने ब्रिटिश
शासन का विरोध किया, को श्रद्धांजलि देने वाली फिल्म।
कित्तूर चेन्नम्मा (कन्नड़, 1961) - कन्नड़
भाषा की ऐतिहासिक ड्रामा फिल्म, जिसका निर्देशन और निर्माण
बी.आर. पंथुलु ने किया था, जिसमें कित्तूर चेन्नम्मा
के रूप में बी. सरोजा देवी ने अभिनय किया था।
कित्तूर चेन्नम्मा ने 1824 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ सशस्त्र
विद्रोह का नेतृत्व किया था।
पदंदी मुंडुकु (तेलुगु, 1962) - वी. मधुसूदन
राव द्वारा निर्देशित एक राजनीतिक फिल्म, जिसमें महात्मा गांधी का
दांडी नमक मार्च और भारत का स्वतंत्रता आंदोलन मुख्य विषय के रूप में थे।
हकीकत (हिंदी, 1964) - चेतन आनंद
द्वारा निर्देशित और निर्मित एक युद्ध-ड्रामा।
फिल्म में धर्मेंद्र, बलराज साहनी, प्रिया राजवंश, सुधीर, संजय खान और विजय
आनंद प्रमुख भूमिकाओं में हैं।
सुभाष चंद्र (बंगाली, 1966) - भारतीय
स्वतंत्रता आंदोलन के महान नेता नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर आधारित, पीयूष बोस द्वारा
निर्देशित एक बंगाली क्लासिक।
शहीद ए-आजम भगत सिंह (पंजाबी, 1974) - ओम बेदी
द्वारा निर्देशित शहीद भगत सिंह के जीवन पर आधारित एक बायोपिक फिल्म।
22 जून 1897 (मराठी, 1979) – 1897 में पुणे
में चापेकर बंधुओं द्वारा दो ब्रिटिश अधिकारियों - वाल्टर चार्ल्स रैंड और चार्ल्स
एगर्टन आयर्स्ट की हत्या की सच्ची जीवन कहानी पर आधारित पुरस्कार विजेता फिल्म।
गांधी (अंग्रेजी / हिंदी, 1982) - रिचर्ड
एटनबरो द्वारा निर्देशित और महात्मा गांधी के रूप में बेन किंग्सले द्वारा अभिनीत, दुनिया भर में
प्रशंसित जीवनी फिल्म। फिल्म ने 11 नामांकन में से 8 अकादमी पुरस्कार (ऑस्कर) जीते।
डॉ. अम्बेडकर (तेलुगु, 1992) - भरत पारपल्ली
द्वारा निर्देशित बाबासाहेब अम्बेडकर पर एक बायोपिक।
कालापानी (मलयालम, 1996) - प्रियदर्शन
द्वारा सह-लिखित और निर्देशित महाकाव्यनुमा ऐतिहासिक ड्रामा। 1915 के काल को दर्शाती
यह फिल्म ब्रिटिश राज के दौरान अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सेलुलर जेल (या काला
पानी) में कैद भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन पर केंद्रित है।
लोकमान्य : एक युगपुरुष (मराठी, 2015) - समाज सुधारक
और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सेनानी बाल गंगाधर तिलक की जीवन कहानी को दर्शाती फिल्म
जिसमें तिलक के रूप में सुबोध भावे हैं।
आभासी प्रदर्शनी को साझा करने और डाउनलोड करने
की आसान सुविधाओं के साथ उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाया गया है।
यहां क्लिक करके प्रदर्शनी को देखा जा सकता
है: https://www.nfai.gov.in/virtual-poster-exhibition.php.
प्रदर्शनी उपयोगकर्ता के अनुकूल सुविधाओं के
साथ उपलब्ध है और कोई भी इन छवियों को सोशल मीडिया पर डाउनलोड करने के विकल्प के साथ
साझा कर सकता है।