आज ही के दिन रिलीज हुई थी ‘श्री पुंडलिक’, जिसे नहीं मिला देश की पहली फिल्म का दर्जा
- ब्यूरो रिपोर्ट -
मुंबई। 18 मई 1912 भारतीय सिनेमा का एक बड़ा दिन था। उस दिन भारत में एक ऐसी फिल्म रिलीज हुई, जो भारत में बनी पहली फिल्म साबित हो सकती थी। इस दिन ‘श्री पुंडलिक’ नाम की एक फिल्म कोरोनेशन सिनेमैटोग्राफ गिरगांव मुंबई में रिलीज की गई। इस फिल्म का निर्माण और निर्देशन दादा साहेब तोरणे ने किया था।
दादा साहेब तोरणे
बिना संवादों वाली इस फिल्म के लिए तोरणे और उनके सहयोगी नानासाहेब चित्रे और किर्तीकर ने शूटिंग स्क्रिप्ट लिखी। फिर इसे प्रोसेसिंग के लिए लंदन भेजा गया। ये फिल्म 1,500 फीट लंबी यानी करीब 22 मिनट की थी। लंदन में तैयार होने के बाद इसे मुंबई के गिरगांव के कोरोनेशन सिनेमैटोग्राफ में दिखाया गया और फिल्म दो सप्ताह चली। ‘श्री पुंडलिक’ भारत की फीचर फिल्म के साथ पहली मूक फिल्म थी। यह एक मराठी फिल्म थी। इस फिल्म की कुल अवधि 22 मिनट थी। फिल्म ‘श्री पुंडलिक’ की शूटिंग बॉम्बे के मंगलदास वादी में हुई थी। जहां प्रोफेशनल थियेटर ग्रुप पुंडलिक नाटक का मंचन कर रहा था।
कुछ लोगों का दावा है कि ‘श्री पुंडलिक’ पहली भारतीय फिल्म इसलिए नहीं कही जा सकती, क्योंकि यह एक मराठी नाटक की फोटोग्राफिक रिकॉर्डिंग थी और इसके कैमरामैन भारतीय नहीं हो कर, ब्रिटेन के जॉन्सन थे। इसके करीब एक साल बाद 3 मई, 1913 के दिन भारत के इतिहास में पहली फिल्म के तौर पर गिनी जाने वाली फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ रिलीज हुई थी, जिसे दादा साहेब फालके ने बनाया था।