कोरोना से दुनिया में 602 पत्रकारों की मौत, हमारे देश में 53 पत्रकार हुए शिकार
- ब्यूरो रिपोर्ट -
नई दिल्ली। दुनियाभर में
कोरोना वायरस का कहर अभी भी जारी है। पिछले एक साल में कोरोना वायरस महामारी दुनिया
में लाखों लोगों की जान ले चुकी है। इस बीच स्विट्जरलैंड के जेनेवा स्थित अंतरराष्ट्रीय
मीडिया अधिकार निकाय ‘प्रेस एम्ब्लम कैंपेन’की एक रिपोर्ट
सामने आई है, जो यह बताती है कि बड़ी संख्या में मरने वालों में अग्रिम पंक्ति
के कर्मचारी तो हैं ही इसके साथ ही वे लोग भी हैं जो दुनिया तक इससे जुड़ी खबरें जान
जोखिम में डालकर लाते हैं, यानि पत्रकार। अंतरराष्ट्रीय
मीडिया की निगरानी करने वाले इस सगंठन ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया कि कोरोना
के कारण दुनियाभर में 602 पत्रकारों की मौत हुई है।
पोर्टल समाचार4मीडिया ने
इस रिपोर्ट को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि लातिन अमेरिका
में सबसे अधिक 303 पत्रकारों की मौत हुई है। एशिया में 145 मौतें दर्ज की गईं, यूरोप में 94, उत्तरी अमेरिका
में 32 और अफ्रीका में 28 मौतें दर्ज की गईं। पीईसी का कहना है कि पत्रकारों को अलग
करना संभव नहीं है जो काम करते हुए संक्रमित हो गए और उनकी सूची में सेवानिवृत्त पत्रकार
भी शामिल हैं। जेनेवा स्थित इस संगठन ने आगे कहा कि उसे लगता है कि पत्रकारों को अनुरोध
पर टीकाकरण की प्राथमिकता होनी चाहिए।
पीईसी के महासचिव ब्लाइस
लेम्पेन ने एक बयान में कहा, ‘अपने पेशे की वजह से पत्रकारों
को ग्राउंड रिपोर्टिंग करना पड़ता है, लिहाजा वायरस के संपर्क
में आने का खतरा खासतौर पर उन पर भी रहता है, क्योंकि कुछ ऐसे फ्रीलांस
पत्रकार और फोटो पत्रकार भी हैं जो सिर्फ घर से काम नहीं कर सकते हैं।’
पीईसी का यह आंकड़ा स्थानीय
मीडिया, पत्रकारों के राष्ट्रीय संघों और पीईसी के क्षेत्रीय संवाददाताओं
की सूचनाओं के आधार पर है। संगठना का कहना है कि वास्तविक संख्या 602 से अधिक होगी, क्योंकि पत्रकारों
की मृत्यु का कारण कभी-कभी स्पष्ट नहीं होता है, क्योंकि उनके मृत्यु
की घोषणा नहीं की जाती है या कोई स्थानीय जानकारी नहीं होती है।
संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल मार्च
के बाद से पेरू में सबसे ज्यादा मीडियाकर्मी कोरोना महामारी में मारे गए। पेरू में
वायरस की वजह से 93 मीडियाकर्मियों की मौत हुई, इसके बाद ब्राजील
में 55, भारत में 53, मेक्सिको में 45, इक्वाडोर में
42,
बांग्लादेश में 41, इटली में 37 और अमेरिका
31 पत्रकारों की मौत हुई है।
2004 में स्थापित अंतरराष्ट्रीय
गैर-लाभकारी संगठन पीईसी ने तमाम देशों की सरकारों से यह अनुरोध किया है कि कोविड-19
से मरने वाले पत्रकारों के परिवारों की वित्तीय सहायता प्रदान की जाए।