राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार 2020 के परिणामों की घोषणा
इन पुरस्कारों के पहले संस्करण के लिए 12 क्षेत्रों से कुल 35 उप-श्रेणियों में नामांकन आमंत्रित किए गए थे, जिनमें कृषि, शिक्षा, उद्यम प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, वित्त, खाद्य, स्वास्थ्य, उद्योग 4.0, अन्तरिक्ष, सुरक्षा, पर्यटन और शहरी सेवाएं शामिल हैं। इनके अलावा अकादमिक परिसरों शुरू किए गए स्टार्टअप्स,महिलाओं के नेतृत्व में शुरू किए गए स्टार्टअप और ग्रामीण क्षेत्रों में आमूल-चूल परिवर्तन करने में योगदान करने वाले स्टार्ट अप को भी चयनित किया जाएगा।
देश के 23 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों से कुल 1,641 आवेदन प्राप्त हुए थे। इन आवेदनों में 654 आवेदन महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप से हैं जबकि 165 अकादमिक संस्थानों में शुरू किए गए स्टार्टअप से हैं और 331 ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले स्टार्टअप से हैं।
इन आवेदनों का मूल्यांकन 6 मापदण्डों नवाचार, मापनीयता, आर्थिक प्रभाव, सामाजिक प्रभाव, पर्यावरण प्रभाव और समावेशी तथा विविधता पर आधारित है। तीन चरणों के विस्तृत मूल्यांकन के उपरांत 199 स्टार्टअप को जूरी के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। इनमें से 192 स्टार्टअप ने 15 सदस्यीय जूरी पैनल के समक्ष अपनी प्रस्तुति दी। इस पैनल में उद्योग, निवेशक और सरकार की तरफ से विभिन्न विशेषज्ञ शामिल थे।
इन पुरस्कारों के माध्यम से जिन स्टार्टअप्स को मान्यता मिलेगी उन्हें अपने व्यवसाय को और बड़े स्तर पर ले जाने, निवेश बढ़ाने, साझेदारी और कौशल आकर्षित करने सहित कई तरह से लाभ मिलेंगे। साथ ही उनके सामाजिक-आर्थिक प्रभाव के मध्यम से उन्हें अपने क्षेत्र में रोल मॉडल बनने का अवसर मिलेगा।
31 आवेदन इनक्यूबेटर्स से और 10 आवेदन एक्सीलरेटर से मिले थे जिनमें से तीन चरणों के मूल्यांकन के बाद 9 इनक्यूबेटर और पांच एक्सीलरेटर्स को जूरी पैनल के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिन्होंने जूरी के समक्ष अपनी प्रस्तुति दी।
पुरस्कारों की घोषणा कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्टार्ट अप पुरस्कार 2020 पर ई-रिपोर्ट भी जारी की गई जिसमें पुरस्कार विजेताओं के विवरण के साथ पहले राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार 2020 कि गाथा को भी शामिल किया गया है। इस कार्यक्रम के दौरान 'स्टार्टअप इंडिया शोकेस' और 'ब्लॉकचेन आधारित प्रमाणपत्र सत्यापन' की भी शुरुआत की गई। स्टार्टअप इंडिया शोकेस, स्टार्टअप इंडिया पोर्टल का हिस्सा है। इसका उद्देश्य देश के सबसे प्रगतिशील स्टार्टअप्स के लिए एक ऑनलाइन मंच उपलब्ध कराना है। यहाँ प्रदर्शित स्टार्टअप्स को विशेषज्ञों का साथ मिलेगा और उनके दायरों का विस्तार सामाजिक प्रभाव समेत फिनटेक, एडटेक व अन्य क्षेत्रों में भी होगा। इस मंच पर स्टार्टअप्स के उपलब्ध होने से उनकी दक्षता के अनुरूप उद्योगों को उनसे साझेदारी, निवेशकों को निवेश और सरकारी विभागों को उनके उत्पादों को खरीदने में सहूलियत होगी। यह शोकेस स्टार्टअप के लिए प्रेरणा का श्रोत होने के साथ-साथ उन्हें बड़े स्तर पर जुड़ने में अहम भूमिका अदा करेगा।
'ब्लॉकचेन आधारित प्रमाणपत्र सत्यापन व्यवस्था' तत्काल सत्यापन की सुविधा उपलब्ध कराएगा और डीपीआईआईटी द्वारा जारी मान्यता प्रमाणपत्र तक आसान पहुँच सुनिश्चित करेगा। यह स्टार्टअप्स के प्रमाणपत्र हेतु एक अतिरिक्त सुरक्षा कवर होगा। इससे स्टार्अप्स से साझेदारी से पहले उन्हें मिली मान्यता की पुष्टि सरकारी विभागों, खरीददार कंपनियों, और अन्य थर्ड पार्टी द्वारा करने में आसानी होगी।
विजेताओं को बधाई देते हुए रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इन पुरस्कारों से युवा उद्यमियों में उत्साह और जुनून पैदा होगा जिससे उनके नए विचारों और बड़े स्तर पर ले जाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इन पुरस्कारों का दायरा बड़ा है। यह पुरस्कार नए विचारों, नवाचरों और काम करने के अभिनव तरीकों को मान्यता देते हैं। उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ नई व्यवस्था को मान्यता और उसका उत्सव है बल्कि इससे नवउद्यमियों को अपने लक्ष्य को एक नया आयाम देने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि इनमें से ही कुछ नई कंपनियाँ भविष्य में भारत की सफलता की गाथा लिखेंगी और दुनिया उन्हें देखेगी। इससे स्टार्टअप्स को नए क्षेत्रों और बड़ी संख्या में लोगों तक अपना विस्तार करने में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सोम प्रकाश ने कहा कि स्टार्टअप मिशन की शुरुआत माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 2016 में की गई थी और आज इसे देश के कोने-कोने में पहुंचाया जा चुका है। इस समय देश के 586 जिलों में कम से कम एक स्टार्टअप है। स्टार्टअप्स रोजगार सृजन कर रहे हैं। सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं और वित्तीय सहायता से उभर रहे नव उद्यमियों की मदद हो रही है और प्रतिभा तथा कौशल सामने आ रहा है।