राखी गुलजार: फार्म हाउस में उगाती हैं सब्जी, भागदौड़ से दूर जी रही हैं सुकून भरी जिंदगी

मुंबई। गुजरे जमाने की मशहूर अभिनेत्री राखी को आप भूले तो नहीं होंगे। बेशक कोई उन्हें भूल भी कैसे सकता है। लेकिन, एक सवाल आप सबके दिलो दिमाग में कभी न कभी कौंधता तो होगा ही कि आखिर यह लीजेंड अभिनेत्री अब कहां हैं। लाइम लाइट से दूर किस हाल में होगी। कैसा जीवन जी रही होगी? दरअसल, 2003 में आई फिल्म 'शुभो महूरत' राखी की आखिरी फिल्म थी, जिसके लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था। वह तब से फिल्म उद्योग से दूर हैं। पोर्टल new.bolbolbollywood.com ने राखी की ज़िंदगी को लेकर एक विशेष रिपोर्ट पोस्ट की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि फिलहाल राखी महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में स्थित पनवेल में बने एक फार्म हाउस में अपने रिटायरमेंट को एंजॉय कर रही हैं। यह मुंबई से सिर्फ 21 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। राखी को अब फॉर्म हाउस पर टाइम बिताना पसंद है। वे वहां फल और सब्जी उगाने का काम करती हैं। शहर के हो- हल्ला और भागदौड़ से दूर राखी को नेचर के साथ रहना पसंद है। हालांकि कुछ समय वह मुंबई में भी रहती हैं। उनके फॉर्म हाउस में गाय, घोड़े, कुत्ते और कई जानवर हैं, जिनके साथ वे बच्चा बन जाती हैं. सब्जियां उगाती हैं, आसपास के गरीब परिवारों में बांटती हैं। राखी ने पूरी जिंदगी वही किया जो उनको अच्छा लगा। जो अच्छा नहीं लगा, वो कभी नहीं किया।



राखी के जीवन में कई उतार चढ़ाव आए। इनमें सबसे पहला तो तब देखने को मिला जब उनकी शादी महज 16 साल की उम्र में हो गई। ज्यादा नहीं चली। राखी का किशोरावस्था में ही बंगाली फिल्मों के निर्देशक अजय बिश्वास से शादी हो गई थी पर यह शादी विफल  रही। इसके बाद 15 मई 1973 में उन्होंने फिल्म निर्देशक, कवि एवं गीतकार गुलजार से शादी की। फिर इनके घर बेटी मेघना का जन्म हुआ। मेघना के पैदा होने के एक साल बाद दोनों एक दूसरे से अलग हो गए। लेकिन, उन्होंने अब तक तलाक नहीं लिया है।


राखी का जन्म भारत की आजादी की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद 15 अगस्त 1947 को पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के राणाघाट में एक बंगाली परिवार में हुआ था। चार दशकों तक किए अभिनय में, उन्होंने कई अन्य पुरस्कारों के अलावा तीन फिल्मफेयर पुरस्कार और एक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता है। फिल्मफेयर में, राखी को 16 बार (सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए 8 बार और सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के लिए 8 बार) नामांकित किया गया, जिससे वह माधुरी दीक्षित और रानी मुखर्जी के साथ सबसे अधिक नामांकित कलाकार हैं। वर्ष 2003 में उनको पद्म श्री की उपाधि से सम्मानित किया गया।


पहली शादी टूटने के बाद उन्होंने फिल्मों में डेब्यू किया। राखी ने 1967 में बंध बरन फिल्म से अपना अभिनय सफर शुरू किया था। इसके बाद साल 1970 में धर्मेंद्र के साथ ‘जीवन मृत्यु’ ऑफर  हुई। वक्त के साथ राखी 1970 के दशक में हिन्दी सिनेमा की अग्रणी अभिनेत्री बन गई । शहजादा (1972), आंखों आंखों में (1972), हीरा पन्ना (1973), दाग (1973), हमारे तुम्हारे (1979), आंचल (1980), श्रीमान श्रीमती (1982) और ताकत (1982) में उनके अभिनय की प्रशंसा हुई।


राखी ने शशि कपूर के साथ 10 फिल्मों में काम किया, जिनमें शर्मीली (1971), जानवर और इंसान (1972), कभी कभी (1976), दूसरा आदमी (1977), तृष्णा (1978), बसेरा (1981), बंधन कच्चे धागों का (1983), जमीन आसमान (1984), और पिघलता आसमान (1985)। नायिका के रूप में उनकी आखिरी फिल्म 1985 में शशि कपूर के साथ पिघलता आसमान थी। 1980 के आखिरी सालों और 1990 के दशक में उन्होंने बुजुर्ग मां के रूप में मजबूत चरित्र भूमिकाएं निभाई  – राम लखन (1989), अनाड़ी (1993), बाजीगर (1993), खलनायक (1993), करन अर्जुन (1995), बॉर्डर (1997), सोल्जर (1998), एक रिश्ता (2001) और दिल का रिश्ता (2002)।


राखी को करीब से जानने वाले बताते हैं कि वो बेहद प्रोफेशनल और दिल लगाकर काम करने वाली कलाकार रही हैं। उन्होंने तब तक फिल्मों में काम किया, जब तक उन्हें फिल्मों में काम करके मजा आया। इसके बाद राखी सब छोड़छाड़ कर मुंबई के पास पनवेल में खेती-बाड़ी करने लगीं। राखी ने कभी अपनी ग्लैमरस छवि नहीं रखी। वह सेट पर भी दूसरे लोगों के साथ आराम से बैठकर चाय पीतीं, समोसे खातीं, सबके लिए खाना बनाती थीं।


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