मुफ्त में कोरोना वायरस टीका - अगले तीन हफ्तों में साफ हो जाएगी स्थिति

नई दिल्ली। कम से कम छह राज्‍यों की सरकारें मुफ्त में कोरोना वायरस टीका लगाने की घोषणा कर चुकी हैं। लेकिन केंद्र सरकार की ओर से इसपर स्थिति स्‍पष्‍ट नहीं है। चार दिन पहले, केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी ने दवा किया था कि सभी नागरिकों को मुफ्त में टीका लगेगा। हालांकि, मंगलवार को कोविड वैक्‍सीन पैनल के प्रमुख डॉ वीके पॉल ने कहा कि इस पर फैसला क्लिनिकल ट्रायल्‍स की सफलता पर निर्भर करेगा। नीति आयोग के सदस्‍य, डॉ पॉल की अगुवाई में पैनल वैक्‍सीन डेवलपमेंट से लेकर डिस्‍ट्रीब्‍यूशन की प्‍लानिंग पर नजर रख रहा है। पॉल ने यह जरूर कहा कि ऐसा लगता है कि 'निकट भविष्‍य में' वैक्‍सीन मुफ्त में उपलब्‍ध कराने में 'संसाधन आड़े नहीं आएंगे।' यानी उन्‍होंने इशारा जरूर किया है कि पैनल भी वैक्‍सीन की मुफ्त में उपलब्धता पर विचार कर रहा है।



डॉ वी के पॉल ने कहा, "अगले कुछ हफ्तों में स्थिति थोड़ी स्‍पष्‍ट होगी जब हमारे पास सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (ऑक्‍सफर्ड-एस्‍ट्रोजेनका वैक्‍सीन का फेज 3 टेस्‍ट कर रही है) का ट्रायल डेटा आ जाएगा। इसकी और अन्‍य कैंडिडेटस की सफलता ही उपलबधता और जरूरी डोज तय करेगी और फिर हम फायनेंसिंग पर चर्चा कर सकते हैं। अगले तीन हफ्तों में चीजें साफ हो जाएंगी।"


राष्‍ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत सरकार बच्‍चों और गर्भवती महिलाओं को कई तरह के टीके मुफ्त लगवाती है। लेकिन कोरोना महामारी का दायरा इतना बड़ा है और साथ अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर वैक्‍सीन को लेकर जिस तरह वित्‍तीय समझौते हुए हैं, उसे देखते हुए केंद्र को वैक्‍सीन के लिए कितनी कीमत चुकानी पड़ेगी, यह अभी तय नहीं है।


बिहार विधानसभा चुनाव के घोषणापत्र में बीजेपी ने मुफ्त वैक्‍सीन का वादा किया था। इसके बाद मध्‍य प्रदेश, असम, तमिलनाडु, पुदुचेरी समेत कुछ राज्‍यों ने भी कोरोना टीका मुफ्त में उपलब्‍ध कराने की घोषणा कर दी। केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी के बयान ने इस चर्चा को तेज कर दिया था कि शायद केंद्र सरकार ही मुफ्त कोरोना वैक्‍सीन की घोषणा करे। इसी वजह से मंगलवार को जब स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय और कोविड पैनल की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई तो मुख्‍य सवाल वैक्‍सीन की कीमत को लेकर ही था।


ऑक्‍सफर्ड-एस्‍ट्राजेनेका के बनाए टीके 'कोविशील्‍ड' का फेज 3 ट्रायल हो रहा है। इसके अलावा भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने मिलकर Covaxin बनाई है जो फेज 2 ट्रायल में है। जायडस कैडिला की ZyCov-D भी फेज 2 ट्रायल से गुजर रही है।


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