हिंदी नहीं आने के बावजूद आर्यानंदा बाबू ने जीता सारेगामापा लिटिल चैंप्स शो
मुंबई। केरल के कोझिकोड की रहने वाली 12 साल की होनहार गायिका आर्यानंदा बाबू ने सारेगामा लिटिल चैंप्स का शो अपने नाम किया है। दिलचस्प बात यह है कि आर्यानंदा बाबू हिंदी बिलकुल नहीं जानती है, इसके बावजूद उसने हिंदी गीत गाकर न सिर्फ जजों का दिल जीता, बल्कि देशभर के संगीत प्रेमियों को भी अपने पक्ष में किया। सारेगामा लिटिल चैंप्स का एक और सीजन रविवार देर रात पूरा हुआ और इसके साथ ही आर्यानंदा बाबू के रूप में संगीत की दुनिया को नई सिंगिंग स्टार मिल गई।
आर्यानंदा ने फिनाले की परफॉरमेंस से पहले अपने जर्नी एपिसोड में बताया था कि जब वे ऑडिशन के लिए आई थी तब जज अल्का याग्निक और अन्य लोगों की बातें उन्हें समझ नहीं आ रही थीं। इसका कारण था लोगों का उनसे हिंदी में बात करना और आर्यानंदा को हिंदी ना आना। आर्या नंदा की उम्र 12 साल है और वे अपने माता-पिता के साथ केरल में रहती हैं। उनके इस अचीवमेंट से उनके पेरेंट्स बेहद खुश हैं। हिंदी ना आने के बावजूद आर्यानंदा ने अपनी सुरों से सारेगामापा के मंच पर जज अल्का याग्निक, जावेद अली और हिमेश रेशमिया का तो दिल जीता ही साथ ही शो पर आने वाली मेहमानों के दिलों में भी जगह बना ली। आर्या नंदा बताती हैं कि उनके लिए सबसे खास पल शो में तब थे जब उन्होंने सत्यम शिवम सुन्दरम गाना गाया था और जज अल्का याग्निक ने उन्हें खुशी से गले लगा लिया था। शो पर हिमेश रेशमिया ने आर्यानंदा बाबू को डिवाइन चाइल्ड का नाम दिया था। वो कहते थे कि आर्यानंदा अपनी सिंगिंग से पूरे वातावरण को डिवाइन एनर्जी में बदल देती हैं। सारेगामापा 2020 का मंच आर्यानंदा की जिंदगी का सबसे बड़ा मौका था। इस शो को जीतने के बाद वे बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स का हिस्सा बनने को तैयार हो गई हैं।
अपनी जीत से बेहद उत्साहित आर्या नंदा बाबू ने एक इंटरव्यू में कहा, “ईमानदारी से कहूं तो मेरा सपना सच हो गया है। सारेगामापा लिटिल चैंप्स का यह सफर मेरे लिए सीखने का एक बढ़िया अनुभव रहा। मैं सभी मेंटर्स और जजों की आभारी हूं, जिन्होंने हमेशा मुझे सपोर्ट किया और एक सिंगर के रूप में अपनी काबिलियत पहचानने में मेरी मदद की। जहां मेरा यह यादगार सफर अब खत्म हो रहा है, वहीं मैं उन दोस्तों की अनमोल यादें अपने साथ लेकर जाऊंगी, जो मैंने इस दौरान बनाए हैं, और उस ज्ञान को, जो मैंने सीखा है और सबसे जरूरी वो रिश्ते, जो जिंदगी भर के लिए जजों और ज्यूरी सदस्यों के साथ बन गए हैं। मुझे बेहद खुशी है कि मुझे अपना टैलेंट दिखाने का यह अवसर मिला और मैं सारेगामापा लिटिल चैंप्स और जी टीवी की आभारी हूं कि उन्होंने मुझे यह अवसर दिया।”