अगले साल जुलाई तक 25 करोड़ लोगों को कोरोना की वैक्सीन देने का लक्ष्य


नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अगले साल जुलाई तक कम से कम 25 करोड़ लोगों तक कोरोना वैक्सीन पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है और इस दिशा में काम शुरू करते हुए राज्यों से विवरण मांगा गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डाॅ. हर्षवर्धन ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय वर्तमान में एक प्रारूप तैयार कर रहा है, जिसमें राज्य वैक्सीन प्राप्त करने के लिए प्राथमिकता वाले जनसंख्या समूहों की सूची प्रस्तुत करेंगे, विशेषकर कोविड.19 के प्रबंधन में लगे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को इसमें शामिल किया जाएगा। फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सूची में सरकार के साथ.साथ निजी क्षेत्र के डॉक्टरए नर्सए पैरामेडिक्सए स्वच्छता कर्मचारी, आशा कार्यकर्ता, निगरानी अधिकारी और अनेक अन्य व्यावसायिक श्रेणियों के कर्मी शामिल होंगे जो मरीजों का पता लगानेए परीक्षण करने और उनके उपचार में शामिल हैं। इस प्रक्रिया का लक्ष्य इस अक्टूबर के अंत तक पूरा हो जाएगा और राज्यों को कोल्ड चेन सुविधाओं और अन्य संबंधित बुनियादी ढांचे के बारे में ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया जा रहा है। मोटे तौर पर अनुमान है कि जुलाई 2021 तक लगभग 25 करोड़ लोगों को कवर करने के लिए 400.500 मिलियन खुराक की प्राप्ति और उपयोग होगा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार इन योजनाओं को अंतिम रूप देते समय कोविड.19 के सम्बंध में प्रतिरक्षा डेटा पर भी नजर रख रही है।



हर्षवर्धन ने कहा कि नीति आयोग सदस्य (स्वास्थ्य) श्री वी.के. पॉल की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति पूरी प्रक्रिया का खाका तैयार कर रही है। वैक्सीन की खरीदारी केंद्रीय रूप से की जा रही है और जब तक सबसे जरूरतमंद तक आपूर्ति सुनिश्चित नहीं की जाती, वैक्सीन की हर खेप उचित समय पर प्राप्त की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह समिति देश में विभिन्न टीकों की उपलब्धता की समय-सीमा को समझने के लिए काम कर रही हैं तथा भारत की माल सूची और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के लिए अधिक से अधिक संख्या में वैक्सींन की खुराक उपलब्ध कराने के लिए वैक्सीन विनिर्माताओं से प्रतिबद्धता प्राप्त कर रही हैं। इसके अलावा उच्च जोखिम वाले समूहों को भी प्राथमिकता दी जाएगी। यह कार्य प्रगति पर है जिसे टीकाकरण कार्यक्रम के काम को तेजी से शुरू होने की सुनिश्चितता के लिए वैक्सीइन तैयार होने के समय तक पूरा कर लिया जाएगा।


एक डोज के बजाय वैक्सीन के डबल डोज देने के बारे में अपना विचार साझा करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने स्वीकार किया कि महामारी पर त्वरित नियंत्रण के लिए वैक्सीन की एक डोज देना आवश्यक है। हालांकि, एक डोज का इस्तेमाल करके प्रतिरक्षा सुरक्षा के वांछित स्तर को हासिल करना अक्सर कठिन होता है। उन्होंने कहा कि पहली डोज से कुछ प्रतिरक्षा देने के रूप में डबल डोज वांछित प्रतिरक्षा प्रभाव प्राप्त करने के लिए उपयुक्त है और दूसरी खुराक इसे आगे बढ़ाती है।


Popular posts from this blog

देवदास: लेखक रचित कल्पित पात्र या स्वयं लेखक

नई चुनौतियों के कारण बदल रहा है भारतीय सिनेमा

‘कम्युनिकेशन टुडे’ की स्वर्ण जयंती वेबिनार में इस बार ‘खबर लहरिया’ पर चर्चा