सिर्फ तीन हफ्ते में सुनवाई पूरी, बड़ी उम्र के कलाकारों पर लगी पाबन्दी हटाई

मुम्बई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने 65 साल से ज्यादा उम्र के कलाकारों, मजदूरों व तकनीशियनों पर बॉलीवुड फिल्मों, टीवी सीरियल्स और वेब शोज में काम करने पर लगी पाबंदी को हटा दिया है। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते खतरों और लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों के चलते 65 साल से ज्यादा उम्र के कलाकारों व पर्दे के पीछे काम करनेवाले तमाम मजदूरों व तकनीशियनों पर अगला निर्देश जारी करने तक रोक लगा दी थी।  ऐसे में 80 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके कालाकार प्रमोद पांडे ने बॉम्बे हाई कोर्ट में इसके निर्देश के खिलाफ 16 जून को एक याचिका दायर की थी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सरकार के निर्णय को पलट दिया। 



बॉम्बे हाई कोर्ट के इस फैसले पर अपनी खुशी जताते हुए अभिनेता कंवलजीत ने कहा कि व्यक्ति की उम्र चाहे 65 साल से ज्यादा हो या फिर कम हो, काम करना हर किसी का संवैधानिक अधिकार है और किसी को भी इस तरह से काम करने‌ से रोका जाना गलत है। कंवलजीत ने कहा, "हम कलाकारों को न तो रॉयल्टी मिलती है और न ही किसी तरह की पेंशन मिलती है।  ऐसे में हम सभी के लिए घर पर बैठना कोई विकल्प नहीं है।  इसके अलावा, दिहाड़ी मजदूर अगर रोज काम न करें तो उनके लिए घर चलाना बेहद मुश्किल काम है।"


गौरतलब है कि 65 साल से ज्यादा उम्र होने के चलते कंवलजीत को एक सीरियल किसी कम उम्र के कलाकर से रीप्लेस कर दिया गया था और इसी हफ्ते एक वेब शो से भी हटा दिया गया है।  लेकिन कंवलजीत का कहना है कि वे इस बात का कोई अफसोस नहीं है, बल्कि वे इस बात से खुश हैं कि कोर्ट के फैसले से अब सभी के लिए आगे के लिए रास्ता खुल गया है। सरकार के दिशा-निर्देश के खिलाफ सबसे पहले एक्टर प्रमोद पांडे ने 16 जुलाई को कोर्ट में याचिका दाखिल की थी और फिर उसके बाद इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिशन ने भी हाई कोर्ट में ऐसी ही एक याचिका दायर की थी।  बाद में दोनों याचिकाओं को एक में मिलाकर कोर्ट ने सुनवाई की और अपना फैसला सुनाया। प्रमोद पांडे ने इस मौके पर कहा, "आखिरकार हमारी मेहनत रंग लाई और आज न्याय की जीत हुई है।  तमाम लोगों की रोजी-रोटी पर यूं पाबंदी लगाना गलत फैसला था, मगर कोर्ट ने रिकॉर्ड टाइम यानि 3 हफ्ते में इस केस की सुनवाई पूरी कर जो फैसला सुनाया है, वो अपने आप में ऐतिहासिक है।"


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