कोरोना के सदमे से उबरने लगी मुंबई फिल्म इंडस्ट्री, तेज हुई शूटिंग की रफ़्तार
मुंबई। मुंबई फिल्म इंडस्ट्री अपने काम की तरफ लौट रही है। मुंबई में जुलाई के अंतिम सप्ताह में उत्सुकता और उत्साह के साथ शूटिंग शुरू हुई। कलाकार-फिल्म निर्माता फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी के प्रोडक्शन हाउस एक्सेल एंटरटेनमेंट ने इस दिशा में एक कदम बढ़ाया। उनके रुके हुए दो प्रोजेक्ट पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत थी। महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना वायरस के मद्देनजर जो कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हुए हैं, उनका पालन करते हुए शूटिंग की गई। इन दो प्रोजेक्टों में से एक कॉमेडी फिल्म ‘हेलो चार्ली’ है और दूसरी गैंगस्टर ड्रामा वाली फिल्म ‘डोंगरी टु दुबई’ है। दोनों फिल्में काफी वक्त से अपनी बारी का इंतजार कर रही थीं।
इन दोनों फिल्मों के सह-निर्माता फरहान अख्तर कहते हैं, 'काम पर लौटना राहत और खुशी की बात है लेकिन हम जिस दौर से गुजर रहे हैं, उसमें यह महत्वपूर्ण है कि हम सामाजिक रूप से उत्तरदायी हों और क्रू तथा कास्ट के लिए साफ-स्वच्छ-सुरक्षित वातावरण भी बनाएं। वे रचनात्मक काम कर रहे हैं। हम उन्हें सुरक्षित रखने का कामकर रहे हैं।' रणबीर कपूर और करीना कपूर के चचेरे भाई अभिनेता आदर जैन ‘हेलो चार्ली’ फिल्म में मुख्य किरदार निभा रहे हैं। वह कहते हैं, 'शूटिंग अनूठी थी। जब हम शूटिंग के सेट पर मिलते थे तो एक-दूसरे को गले नहीं लगा सकते थे। हम तभी अपने चेहरे से मास्क हटाते थे जब कैमरा ऑन होता था। मैं मास्क को अपने पीछे की जेब में रखता था और शूटिंग खत्म होने के तुरंत बाद हाथ सैनिटाइज करके मास्क को फिर से पहन लेता था। क्रू के बाकी लोग भी पीपीई किट पहने हुए सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करते थे। इसलिए मैं काफी सुरक्षित और आराम से था। फरहान और रितेश के एक्सेल एंटरटेनमेंट ने इस शूटिंग को आराम दायक बनाने के लिए वास्तव में असाधारण काम किया।'
बॉलीवुड की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी संगीत कंपनी सारे गा मा की फिल्म प्रोडक्शन इकाई यूडली फिल्म्स ने भी अपनी दो फीचर फिल्मों की शूटिंग पर काम शुरू कर दिया है। पहली फिल्म है ‘कॉमेडी कपल' जिसमें साकिब सलीम और श्वेता बासु प्रसाद हैं। इसके निर्देशक नचिकेत सामंत हैं। दूसरी मराठी फिल्म है जिसका नाम ‘जोम्बीवली’ है। यह एक हॉरर कॉमेडी फिल्म है। इसमें मराठी के लोकप्रिय सितारे अमेय वाघ, आदित्य सर पोतदार और वैदेही परशूरामी हैं। इस फिल्म की शूटिंग अगले हफ्ते लातूर में होगी। निर्माताओं का कहना है कि प्रोडक्शन के मद्देनजर हर चीज की बहुत बारीकी से जांच-पड़ताल की गई है।
फिल्म्स एंड इवेंट सारे गा मा के वाइस प्रेसिडेंट सिद्धार्थ आनंद कुमार कहते हैं कि प्रोडक्शन हाउस के लोग शूटिंग के प्रत्येक शेड्यूल की निगरानी के लिए हेल्थ केयर एक्सपर्ट के साथ संपर्क बनाए हुए हैं। वास्तव में, वे लोग सेट पर ‘कोविड ऑफिसर’ के बतौर काम करेंगे और उनकी जिम्मेदारी सेट पर हाइजीन और सैनिटाइजेशन के उपायों को सख्ती से लागू करने की होगी। सिद्धार्थ कहते हैं, 'हमें शूटिंग शुरू करने की जरूरत है ताकि जो दैनिक मजदूरी के रूप में काम करते हैं, उन्हें भुखमरी से बचाया जा सके। हमने सेट पर विशेषीकृत लोगों को हायर किया है जो स्वास्थ्यऔर सुरक्षा उपायों को पूरी तरह से लागू करने के लिए जिम्मेदार होंगे।' फिल्म निर्माता अशोक पंडित कहते हैं, 'हिंदी फिल्म उद्योग में जो दैनिक वेतन भोगी हैं– जैसे, लाइटमैन, स्पॉटबॉय, मेकअप आर्टिस्ट, वे कब तक बिना काम के रहेंगे। वे भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं।'
एक अनुमानित आंकड़ा है कि लॉकडाउन के चार महीनों में भारतीय मनोरंजन उद्योग को एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। हिंदी फिल्म उद्योग को राजस्व का कितना नुकसान हुआ है, इस बारे में ट्रेड एक्सपर्ट तरण आदर्श का आकलन है कि यह एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है। नागुपर स्थित फिल्म एग्जिबिटर अक्षय राठी कहते हैं कि नुकसान का यह आंकड़ा बहुत बड़ा है यानी तीन हजार करोड़ रुपये तक। उनके अनुसार, यह इससे भी ज्यादा हो सकता है। अशोक पंडित गुस्से में कहते हैं, 'निर्माताओं ने आम कामगारों को पैसा देने से इनकार कर दिया। वे कलाकारों के साथ ऐसा करने की हिम्मत नहीं कर सकते। जाहिर है, लॉकडाउन की पीड़ा दिहाड़ी मजदूरों ने सबसे ज्यादा झेली है। मुझे खुशी है कि फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी ने शूटिंग शुरू करने की पहल की है।'
महामारी के दौरान लॉकडाउन में फंसे रहे प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए सड़कों पर उतर जाने वाले अभिनेता सोनू सूद मानते हैं कि वापस शूटिंग पर जाना ही एक मात्र तरीका है। वह कहते हैं, 'वायरस कहीं जाने वाला नहीं है। यही अच्छा है कि हम शूटिंग शुरू करें। हमें यह समझने की जरूरत है कि हमअनिश्चितकाल तक अपने घरों में बंद नहीं रह सकते हैं। यदि हम जरूरी एहतियात बरतें तो हम बिना संक्रमित हुए शूटिंग कर सकते हैं। बहुत सारे तकनीशियन हैं जिनकी कमाई शूटिंग पर ही निर्भर है। कलाकारों को बाहर निकलना चाहिए और शूटिंग करनी चाहिए। यह समय है जब हमें बड़ी अच्छाई के लिए थोड़ा-सा जोखिम तो लेना ही होगा।'