भारत बायोटेक  की कोरोना वैक्सीन का पहला ट्रायल सफल, दूसरे की तैयारी

नई दिल्ली। भारत बायोटेक- आईसीएमआर की तरफ से बनाई जा रही कोविड-19 वैक्सीन के पहले फेज का क्लीनिकल ट्रायल सफल रहा है। ट्रायल के शुरुआती नतीजों के बाद कहा गया है कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। भारत बायोटेक और जायडस कैडिला की वैक्सीन का छह शहरों में ह्यूमन ट्रायल चल रहा है। भारत के 12 शहरों में 375 वॉलनटिअर्स पर कोरोना वायरस वैक्सीन का टेस्ट किया गया। हर एक वॉलनटिअर को वैक्सीन के दो डोज दिए जा चुके हैं। अब उनके ऊपर नजर रखी जा रही है।



पीजीआई रोहतक में चल रहे ट्रायल की टीम लीडर सविता वर्मा ने कहा, 'वैक्सीन सुरक्षित है। हमने जितने भी वॉलनटिअर्स को यह वैक्सीन लगाई है उनमें से किसी को भी विपरीत असर नहीं हुआ है।' वॉलनटिअर्स को अब दूसरी खुराक देने की तैयारी चल रही है। उससे पहले जांचकर्ता वॉलनटिअर्स के ब्लड सैंपल कलेक्ट कर रहे हैं, ब्लड सैंपल की जांच से वैक्सीन की प्रतिरक्षा (इम्युनॉजेनिसिटी) का परीक्षण किया जाएगा। सविता वर्मा ने कहा, 'अब हमें यह पता चल गया है कि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है। अब हम दूसरे चरण में यह पता करेंगे कि वैक्सीन कितनी प्रभावी है। उसके लिए हम लोगों ने ब्लड सैंपल लेने शुरू कर दिए हैं।'


अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली में प्रमुख अन्वेषक संजय राय ने कहा, 'यह वैक्सीन सुरक्षित है।'  एम्स  में भारत बायोटेक वैक्सीन के परीक्षण के लिए 16 वॉलनटिअर्स भर्ती किए गए थे। सुरक्षित कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने की इस दौड़ में भारत भी शामिल है। सरकार खुद सारे घटनाक्रमों पर नजर बनाए हुए है। कोवाक्सिन भारत का पहला वैक्सीन है और भारत बायोटेक द्वारा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के सहयोग से इसे विकसित किया गया है।


एक बार सभी 12 जगहों से सुरक्षा के वांछनीय परिणाम दिखने के बाद अब कंपनी दूसरे चरण में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से संपर्क करेगी। एक अन्य अन्वेषक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि अगर सब ठीक रहा तो अगले साल की पहली छमाही में वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी।


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