ट्राई के एक फ़ैसले से 100 से ज्यादा टीवी चैनल बंद होने की आशंका

मुंबई। टीवी प्रसारणकर्ताओं (ब्रॉडकास्‍टर) में इन दिनों खलबली मची हुई है। दूरसंचार नियामक ट्राई के एक आदेश ने उन्‍हें परेशान कर दिया है। ट्राई ने उन्‍हें नए टैरिफ ऑर्डर (एनटीओ 2. 0) का तुरंत पालन करने के निर्देश दिए हैं। ब्रॉडकास्‍टरों को आशंका है कि अचानक लिए गए इस कदम से बड़ी संख्‍या में संकटग्रस्‍त चैनल बंद हो सकते हैं। स्‍टार और डिज्‍नी इंडिया के चेयरमैन उदय शंकर और जी एंटरटेनमेंट के एमडी व सीईओ पुनीत गोयनका ने  बताया कि एनटीओ 2. 0 के अमल में आने से अगले कुछ सालों में 100-150 चैनल बंद हो सकते हैं।



शंकर ने कहा कि नए टैरिफ ऑर्डर के तहत जिस चैनल की पहुंच बहुत ज्‍यादा नहीं है, उसे मोनेटाइज नहीं किया जा सकता है। उसे पोर्टफोलियो बेनिफिट या बकेट एडवांटेज मिल सकता है। पहले से ही ऐसे एक दर्जन चैनल हैं जो अगले कुछ साल में बंद होने की कगार पर हैं। ट्राई के ताजा कदम से 100 से ज्‍यादा चैनल बंद हो जाएंगे। कारण है कि उन्‍हें चलाना आर्थिक रूप से फायदेमंद नहीं रह जाएगा।


गोयनका ने कहा कि अगर नियम बने रहे तो कम से कम 100-150 चैनल बंद हो जाएंगे। इन्‍हें कोई चलाना पसंद नहीं करेगा। ट्राई ने एक जनवरी को नया टैरिफ ऑर्डर नोटिफाई किया था। इसे टॉप टेलीविजन ब्रॉडकास्‍टर, इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन (आईबीएफ) और फिल्‍म एंड टीवी प्रोड्यूसर्स गिल्‍ड ऑफ इंडिया ने बॉम्‍बे हाई कोर्ट में चुनौती दी है। कोर्ट ने मामले में सुनवाई पूरी कर फैसले को सुनिक्षित कर लिया था। अदालत ने ब्रॉडकास्‍टरों को कोई अंतरिम राहत नहीं दी है। 24 जुलाई को ट्राई ने प्रसारणकर्ताओं से अपने रेफरेंस इंटरकनेक्‍ट ऑफर (आरआईओ) को बदलने के लिए कहा है। इसे उन्‍हें एनटीओ 2. 0 की तर्ज पर करना है। साथ ही 10 अगस्‍त तक इसे अपनी वेबसाइट पर पब्लिश कर देना है।


सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मई में आईबीएफ के सदस्‍यों के साथ बैठक की थी। इसमें उन्‍होंने भरोसा दिया था कि एनटीओ 2. 0 को फिलहाल अभी जारी नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद ये निर्देश जारी किए गए। प्रसारणकर्ताओं का कहना है कि एनटीओ 2. 0 से उनकी चैनल के दाम तय करने की क्षमता पर असर पड़ेगा। ट्राई ने हर एक चैनल की एमआरपी को अधिकतम 12 रुपये तय कर दिया है। उसने चैनल बकेट पर डिस्‍काउंट की सीमा भी 33 फीसदी निर्धारित कर दी है।


 


Popular posts from this blog

देवदास: लेखक रचित कल्पित पात्र या स्वयं लेखक

नई चुनौतियों के कारण बदल रहा है भारतीय सिनेमा

‘कम्युनिकेशन टुडे’ की स्वर्ण जयंती वेबिनार में इस बार ‘खबर लहरिया’ पर चर्चा