जल्द ही 7 और शहरों में शुरू होगा कोरोना की देसी वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल


नई दिल्ली।  देश में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। हर दिन रेकॉर्ड संख्या में नए केस सामने आ रहे हैं। इस बीच देश में देसी वैक्सीन बनाने का काम भी युद्धस्तर पर जारी है। वैक्सीनों का अब तक का क्लीनिकल ट्रायल  उम्मीद जता रहा है क्योंकि कुछ छोटे-मोटे साइड इफेक्ट्स के अलावा कोई बड़ा साइड इफेक्ट नहीं दिख रहा। कोवाक्सीन का ह्यूमन ट्रायल हैदराबाद, पटना, कांचीपुरम, रोहतक और नई दिल्ली में पहले ही शुरू किया जा चुका है। जल्द ही 7 और शहरों  नागपुर, भुवनेश्वर, बेलगाम, गोरखपुर, कानपुर, गोवा और विशाखापत्तनम में शुरू होगा। पीजीआई रोहतक ने 20 वॉलंटियर्स को तैयार किया है। यहां 17 जुलाई को 3 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई।



भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवाक्सीन को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी  के साथ मिलकर तैयार किया जा रहा है। कोवाक्सीन का दिल्ली और पटना के एम्स, पीजीआई रोहतक समेत 12 शहरों के 12 अस्पतालों में टेस्ट किया जाएगा। पहले चरण में 500 वॉलंटियर्स शामिल होंगे जिनकी उम्र 18 से 55 वर्ष के बीच होगी और जो पूरी तरह स्वस्थ होंगे, जिन्हें पहले से कोई गंभीर बीमारी नहीं होगी। जाइडस की वैक्सीन कैंडिडेट जाइकोविड अभी अहमदाबाद के रिसर्च सेंटर तक ही सीमित है जिसे कई शहरों में ले जाया जाएगा।
उधर, भारत बायोटेक और जाइडस कैडिला की वैक्सीनों का फिलहाल अलग-अलग राज्यों के 6 शहरों में ह्यूमन ट्रायल यानी इंसानों पर परीक्षण चल रहा है। देश में फिलहाल भारत बायोटेक और जाइडस की वैक्सीन कैंडिडेट्स का ही ट्रायल चल रहा है। ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन कैंडिडेट का जल्द ही ट्रायल शुरू हो सकता है। 

भारत बायोटेक और जाइडस दोनों को ही क्लीनिकल ट्रायल के फेज-1 और 2 की मंजूरी मिली थी। दोनों ने ही 15 जुलाई को वॉलंटियर्स को अपनी-अपनी वैक्सीन कैंडिडेट की पहली डोज दी थी। संभावित वैक्सीन को कैंडिडेट कहा जाता है। जो वैक्सीन कैंडिडेट सभी तरह के ट्रायल को पास कर जाएगी और जब सभी औपचारिकताओं के बाद उसे फाइनल मंजूरी मिल जाएगी, तब जाकर वह वैक्सीन कहलाएगी।

देश में लेटेस्ट सब्जेक्ट (जिसे टेस्ट के लिए वैक्सीन दिया जाता है) दिल्ली का एक 30 साल का युवा है जिसे एम्स  में शुक्रवार को भारत बायोटेक के कोवाक्सीन वैक्सीन का इंजेक्शन दिया गया। यह युवक दिल्ली का पहला ऐसा शख्स से जिसे ट्रायल के लिए 0.5 मिलीलीटर वैक्सीन की सुई लगाई गई है। दिल्ली एम्स में वैक्सीन ट्रायल प्रॉजेक्ट के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर डॉक्टर संजय राय ने बताया, 'हमने उनकी 2 घंटे तक निगरानी की। तत्काल कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखा।' उन्होंने बताया कि वॉलंटियर को अब घर भेज दिया गया है। दो दिन बाद फिर उनकी सेहत देखी जाएगी और जरूरी मेडिकल चेकअप किया जाएगा।
एक तीसरी वैक्सीन कैंडिडेट ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से विकसित की गई है जिसका भारत में जल्द ही टेस्ट किया जाएगा। ब्रिटेन की एस्ट्रा जेनेका के साथ इस वैक्सीन के निर्माण के लिए पार्टनरशिप करने वाले सिरम इंस्टिट्यूट का कहना है कि जैसे ही भारत में उसे जरूरी की मंजूरी मिल जाएगी, वैसे ही ह्यूमन ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा।



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