फ़ैशन और लाइफ़स्टाइल मैगजीन ‘वोग’ के कवर फोटो पर विवाद
नई दिल्ली। मानसिक तकलीफों से गुजरने वाले लोगों की मुश्किलों को सामने लाने के लिए मशहूर फ़ैशन मैगजीन ‘वोग‘ ने अपने कवर पेज पर एक ऐसा चित्र छापा, जिसे लेकर दुनियाभर में इस मैगजीन की आलोचना हो रही है और बड़ी संख्या में लोगों ने इस तरह के चित्र पर कड़ा एतराज जताया है। हालांकि इस चित्र में जो माॅडल नजर आ रही हैं, उन्हें निजी तौर पर इससे कोई दिक्कत नहीं है और उन्होेंने कहा है कि मशहूर मैगजीन ‘वोग‘ केे कवर पेज पर आना उनके लिए फख्र की बात है।
वोग के इस अंक को ‘द मैडनेस इश्यू’ कहा गया है और प्रकाशकों का कहना है कि वो इसके ज़रिए मानसिक स्वास्थ्य जैसे ‘अहम मुद्दे पर रौशनी डालना’ चाहते थे। इस अंक के कवर पर एक महिला की तस्वीर है जो अस्पताल के बाथटब में बैठी है और एक नर्स उसके सिर पर पानी उड़ेल रही है। वोग ने इस कवर को इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया है। मनोचिकित्सकों और मानिसक सेहत की परेशानियों से जूझ रहे लोगों ने इस चित्रण पर नाख़ुशी ज़ाहिर की है। उनका कहना है कि ये मानसिक बीमारियों के उपचार के ‘अनुचित’ और ‘आउटडेटेड’ तरीके को दिखाता है।
इन आलोचनाओं का जवाब देते हुए वोग ने कहा है कि तस्वीर का इस्तेमाल मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा शुरू करने उद्देश्य से किया गया था। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार पत्रिका के प्रकाशक ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए अपने एक बयान में कहा, “वोग के इस अंक में कवर के ज़रिए मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े ऐतिहासिक संदर्भ ढूंढने की कोशिश की गई है और इसका मक़सद असल ज़िंदगी और सच्चा कहानियों को दिखाना है। पत्रिका के भीतर मनोचिकित्सकों, सामाजिक वैज्ञानिकों, मनोवैज्ञिकों और अन्य विशेषज्ञों से बातचीत पर आधारित लेख है।”
कवर पेज पर बाथटब में जिस लड़की की तस्वीर है, वो स्लोवाकिया की मॉडल सिमोना किर्चानेरोवा हैं। उन्होंने अपनी एक इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा कि वोग के कवर पर आना उनके करियर का एक ‘अहम हिस्सा' है क्यों तस्वीर में उनके पास जो लोग दिख रहे हैं, वो उनके परिजन हैं। सिमोना ने अपनी पोस्ट में लिखा, “मैं वॉग के कवर पेज पर, अपनी मां और दादी के साथ। लंदन की क्लिनिकल साइकॉलजिस्ट डॉक्टर कैटरीना एलेक्ज़ेंड्रॉकी ने कहा कि वो वोग के इस कवर को ‘अनैतिक’ मानती हैं।
उन्होंने कहा, “जो लोग गंभीर मानसिक तकलीफ़ों से गुज़र चुके हैं, उन्हें एक महिला को इतनी नाज़ुक स्थिति में एक फ़ैशन मैग़ज़ीन के कवर पर देखकर अपने पुराने और मुश्किल वक़्त की याद आ सकती है।” डॉक्टर कैटरीना कहती हैं, “ये तस्वीर उस धारणा का समर्थन करती नज़र आती है कि मानसिक तकलीफ़ के दौरान महिलाएं असहाय और कमज़ोर हो जाती हैं। ये तस्वीर हमें उन लोगों के बारे में नहीं बताती जिन्होंने अपनी इच्छाशक्ति और संघर्ष से मानसिक बीमारियों को हराया है।”
पुर्तगाल की मॉडल सारा सैंपियों ने कहा है कि वोग के कवर पर जो तस्वीर है वो मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बातचीत का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकती। सारा ने कहा कि वो ख़ुद मानसिक तकलीफ़ों से गुज़र चुकी हैं और उन्हें ये तस्वीर ज़रा भी पसंद नहीं आई। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई अपनी एक वीडियो में कहा कि ‘ये तस्वीर किसी पुराने मेंटल हॉस्पिटल की लग रही है, जहां मरीज़ों को टॉर्चर किया जाता था।’ सारा ने कहा कि ये तस्वीर ऐसे संवदेनशील समय में सामने आई है जब बहुत से लोग कोरोना वायरस महामारी की वजह से तरह-तरह की मानसिक परेशानियों, अकेलेपन और अलगाव से जूझ रहे हैं।
लिस्बन की साइकोथेरेपिस्ट सिल्विया बैपतिस्ता का कहना है कि वोग के इस कवर में वो सब कुछ है जिसकी ज़रूरत मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी चर्चा को नहीं है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा कि मानसिक बीमारियों को ‘ग्लैमराइज़’ किया जाना ग़लत है। हालांकि वोग के प्रकाशकों ने अपने पूरे बयान में यही कहा कि वो मानसिक स्वास्थ्य के विषय की अहमियत समझते हैं। उन्होंने कहा, “हमारा इरादा तस्वीरों और स्टोरीटेलिंग के ज़रिए आज के एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर प्रकाश डालना था।”