बच्चों को भ्रामक प्रचार और फेक न्यूज़ को पहचानना सिखाएं : उपराष्ट्रपति
पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से "ऊंचे लक्ष्य स्थापित करने और ऊंचे स्वप्न देखने" को कहा। उन्होंने कहा कि ऊंचे लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आत्म अनुशासन, कठिन परिश्रम,एकाग्र संकल्प तथा हर परिस्थिति में संतुलन बनाए रखने जैसे गुण आवश्यक है। उपराष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से एकाग्रता बढ़ाने,शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए तथा तनाव और अवसाद से मुक्त रहने के लिए योगाभ्यास करने की सलाह दी। उन्होंने कहा योग महामारी की अवधि में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और परामर्श दिया कि योग को बचपन से ही स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए।
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे उनकी अपनी रुचि के किसी भी चुने हुए क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने का भरसक प्रयास करें और उत्कृष्टता के नए सीमांत खोजें,उन्हें प्राप्त करें,कभी भी यथा स्थिति से संतुष्ट न हों, ऊंचे से ऊंचे मानदंड स्थापित करें और उसे प्राप्त करें । उपराष्ट्रपति ने युवा विद्यार्थियों से अपेक्षा की कि वे वर्तमान विश्व के सामने गरीबी,असमानता,हिंसा, पर्यावरण परिवर्तन जैसी समस्याओं का अध्ययन कर उन्हें समझें और नए समाधान ढूंढें।