13 साल की उम्र में अपने से 30 साल बड़े मास्टर बी. सोहनलाल से शादी की थी सरोज खान ने
मुंबई। 2000 से ज्यादा गानों को कोरियोग्राफ कर चुकीं सरोज खान का असली नाम निर्मला नागपाल था। भारत-पाकिस्तान विभाजन होने के बाद उनका परिवार पाकिस्तान से भारत आ गया था। महज 3 साल की उम्र में सरोज खान ने ‘नजराना’ नामक फिल्म में चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर श्यामा का किरदार अदा किया था। 50 के दशक से उन्होंने बतौर बैकग्राउंड डांसर अपनी पहचान बनानी शुरू कर दी थी।
1974 में कोरियोग्राफर बी. सोहनलाल से सरोज ने कोरियोग्राफी के गुर सीखे थे। सरोज खान ने मात्र 13 साल की उम्र में अपने मास्टर बी. सोहनलाल से शादी की थी। दोनों की उम्र में 30 साल का फासला था और इस शादी के लिए सरोज ने इस्लाम धर्म भी कुबूला था। सरोज खान स्कूल में थीं, जब उनके डांस मास्टर ने पीछे से उनके गले में काला धागा डाल दिया था और उनकी शादी हो गई थी। उस समय सरोज को सोहनलाल के पहले से शादीशुदा और 4 बच्चे होने की बात नहीं पता थी।
अपने रिश्तों को लेकर सरोज खान बहुत संजीदा थीं। 1963 में पहले बेटे राजू खान के जन्म के बाद उन्हें सोहनलाल की सच्चाई पता चला था और तब से दोनों के बीच दूरियां आने लगी थीं। बी सोहनलाल ने बच्चों को अपना नाम देने से इनकार कर दिया था। सरोज ने अपने बेटे राजू और बेटी कुकू की परवरिश अकेले अपने दम पर की थी। 1965 में भी उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया था मगर जन्म के 8 महीने बाद ही उसकी मृत्यु हो गई थी।
सरोज खान ने माधुरी दीक्षित और श्रीदेवी जैसी सफल एक्ट्रेसेस को डांस की ट्रेनिंग देकर डांस क्वीन बनाया था। 1974 से स्वतंत्र कोरियोग्राफी करने वाली सरोज के काम को असली पहचान 'मिस्टर इंडिया', 'नगीना', 'चांदनी', 'तेजाब', 'थानेदार' और 'बेटी' जैसी हिट फिल्मों से मिली थी। उन्होंने इंडस्ट्री के कई स्टार्स को अपने स्टेप्स पर थिरकाया है। उन्होंने बॉलीवुड की कई नई एक्ट्रेसेस को इंडियन क्लासिकल डांस की ट्रेनिंग भी दी थीं।एक बार सरोज खान अपने 13 साल के बेटे के साथ सलमान खान के पास गई थी, क्योंकि उनका बेटा सलमान का बहुत बड़ा फैन ता और वह उनसे मिलना चाहता था। वहां सलमान खान ने सरोज से उनके काम के बारे में पूछा था। इस पर सरोज खान ने सलमान को बताया था कि अब उन्हें काम मिलना बंद हो गया है और वे नई एक्ट्रेसेस को डांस सिखाती हैं। यह सुनते ही सलमान ने उनसे वादा किया था कि अब से वे उनके साथ काम करेंगे।
तीन बार के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता को 2000 गानों की कोरियोग्राफिंग का श्रेय दिया गया है, जिसमें कई प्रतिष्ठित डांस नंबर भी शामिल हैं। इनमें मिस्टर इंडिया का हवा हवाई (1987), तेजाब से एक दो तीन (1988), बेटा धक-धक करने लगा (1992) और देवदास (2002) से डोला रे डोला शामिल हैं। उन्होंने आखिरी बार 2019 में करण जौहर के प्रोडक्शन कलंक के गाने तबाह हो गई में माधुरी दीक्षित को कोरियोग्राफ किया था।
जनवरी में सरोज खान तब खबरों में आई थीं, जब उन्होंने कोरियोग्राफर गणेश आचार्य पर अपने डांसर्स का शोषण करने और अपने पद का गलत उपयोग करते हुए सिने डांसर्स एसोसिएशन (सीडीए) को बदनाम करने का आरोप लगाया था। उन्होंने यहां तक कहा था कि वह विभिन्न कलाकारों के पास जाएंगी और उनसे गणेश के साथ नहीं जुड़ने के लिए कहेंगी।