सिनेमाघर खुलने की उम्मीदें और आगे बढ़ीं, फिल्म उद्योग चौतरफा दबाव में

मुंबई। लॉकडाउन का चौथा दौर अब ख़त्म होने को है और सरकार ने रियायतों का दायरा बढ़ाने का निर्णय किया है।  लेकिन सिनेमाघर अभी बन्द ही रहेंगे और इस तरह फिल्म उद्योग की मुश्किलों का सिलसिला और आगे बढ़ गया है। क़रीब दो महीने से चल रहे कोरोना लॉकडाउन ने बाकी सभी इंडस्ट्री की तरह फिल्म इंडस्ट्री को भी गहरी मुसीबत में डाल दिया है। सभी फिल्मों की शूटिंग रुकी हुई है और लॉकडाउन के कारण कई फिल्मों की रिलीज टलती जा रही है। जहां एक तरफ लॉकडाउन के चौथे फेज में सरकार कई सेक्टरों को खोलकर राहत दे रही है, वहीं कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में जब सोशल डिस्टेंसिंग खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखने का एकमात्र तरीका हो तो बाहर जाकर सिनेमा देखने का रिस्क कितने लोग लेंगे ये भी कारोबारियों के लिए चिंता का विषय है। ऐसे में आने वाले वक्त में भी सिनेमाघरों के खुलने या सामान्य रूप से बिजनेस कर पाने के आसार कम हैं।



लगातार नए विकास के दौर से गुजर रहे सिनेमा बिजनेस में थिएटरों को शायद ही कभी ऐसी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा होगा जैसी आज है। कोरोना वायरस ने बॉलीवुड और सिनेमाघरों को आमने-सामने ला दिया है। डीडब्लू वर्ल्ड के अनुसार लॉकडाउन में लोगों के घर में फंसे रहने से ऑनलाइन प्लैटफॉर्म्स की व्यूवरशिप काफी बढ़ी है और अब वो गेम चेंजर का काम कर रहे हैं। ऐेसे में कुछ फिल्मकारों ने फैसला लिया है कि वो अपनी फिल्म को सीधे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर ही रिलीज करेंगे। बॉलीवुड अभी तक थियेटर और डिजिटल रिलीज के बीच 8 हफ्तों का अंतर रखता था, जिससे स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म को भी ऑडियंस का रिस्पॉन्स देखकर फिल्म चुनने का मौका मिल जाता था। हालांकि, लॉकडाउन के कारण अब बदले हालात में कई बड़े फिल्ममेकर्स भी शायद थिएटर्स से उम्मीद लगाए नहीं बैठना चाहते। ऑनलाइन रिलीज होने वाली कुछ बड़ी फिल्मों में अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘गुलाबो सिताबो' शामिल है जो अमेजन प्राइम पर रिलीज होगी, तो वहीं अक्षय कुमार की हॉरर-कॉमेडी ‘लक्ष्मी बॉम्ब' डिजनी+हॉटस्टार पर रिलीज होने के लिए तैयार है।


कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई और फिल्में भी स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो सकती हैं। विद्या बालन की ‘शकुंतला देवी', जाह्नवी कपूर की ‘गुंजन सक्सेना - द कारगिल गर्ल', अमिताभ बच्चन की ‘झुंड' और ‘चेहरे', अनुराग बसु की मल्टीस्टारर फिल्म ‘लूडो' भी आने वाले समय में स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो सकती हैं। टी-सीरीज भी अपनी फिल्मों, ‘इंदु की जवानी' और ‘चालान' के लिए नेटफ्लिक्स के संपर्क में है। 


हालात को देखते हुए फिल्ममेकर्स का अपनी फिल्मों को ओटीटी पर रिलीज करने का फैसला ज्यादा चौंकाने वाला नहीं होना चाहिए पर आइनॉक्स, पीवीआर और कार्निवल जैसी बड़ी मल्टीप्लेक्स  कंपनियों के पिछले कुछ दिनों में आए बयानों से ऐसा लग रहा है कि ये कंपनियां इस बदलाव के लिए बिलकुल तैयार नहीं थी। इन सभी कंपनियों ने धमकी भरे अंदाज में फिल्ममेकर्स को आगे का सोचने को कहा।


फिल्मों की शूटिंग रुकने से फिल्मों में हजारों की संख्या में काम करने वाले लोगों की नौकरियां तो रुकी ही हुई हैं, पर सिनेमाघरों में ताला लगने से इसमें देश भर के सिनेमाघरों में छोटी-बड़ी नौकरियां करने वाले लोगों की कमाई को भी खतरे में डाल दिया है। पिछले महीने तक गृह मंत्रालय की अडवाइजरी के मुताबिक सभी प्राइवेट बिजनेस को काम बंद होने के बावजूद भी काम करने वालों की सैलरी देनी थी, हालांकि हर बिजनेस वाले सभी कर्मचारियों को पूरी सैलरी दे रहे हों ऐसा जरूरी नहीं। फिलहाल किसी बड़े ले-ऑफ की भी खबर नहीं आई लेकिन ये सभी कंपनियां भारी घाटे से गुजर रही हैं, और अगर इन्हें जल्द राहत नहीं मिलती तो इन्हें अपने ऑपरेशन सीमित कर लोगों को नौकरियों से निकालना भी पड़ सकता है। पीवीआर का शेयर पिछले दो महीनों में 60 फीसदी के आस-पास गिर चुका है, वहीं आइनॉक्स के शेयर में भी 50 फीसदी की गिरावट है। कार्निवल का जो शेयर फरवरी में 40 रुपए से ऊपर था वो अब 14 रुपए तक गिर गया है। केयर की रेटिंग के हिसाब से थिएटर कंपनियां लॉकडाउन में 3,500 करोड़ का बिजनेस खो रही हैं। ये कंपनियां पहले ही सरकार से मदद की गुहार लगा चुकी हैं लेकिन सरकार के  पैकेज में भी इनके लिए कोई खास अच्छी खबर नहीं।


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