डिजिटल मीडिया के विज्ञापनों में 11 प्रतिशत की ग्रोथ, प्रिंट के विज्ञापन रेवेन्यू में गिरावट

नई दिल्ली। लॉकडाउन के कारण हाल के दौर में टीवी दर्शकों की संख्या में जोरदार वृद्धि हुई है, साथ ही विज्ञापन राजस्व के मामले में भी टेलीविज़न और रेडियो आगे निकल गए हैं, जबकि प्रिंट मीडिया यानी अखबार और पत्रिकाओं के विज्ञापन राजस्व में गिरावट दर्ज़ की गई है। मार्केटिंग एजेंसी ‘टैम एडेक्स’  की रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी की तुलना में डिजिटल को मिलने वाले विज्ञापनों में मार्च और अप्रैल 2020 में 11 प्रतिशत की ग्रोथ देखने को मिली है, वहीं टीवी में चार प्रतिशत और रेडियो में पांच प्रतिशत की ग्रोथ देखने को मिली है, लेकिन प्रिंट के विज्ञापनों में 26 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। यदि सिर्फ अप्रैल के डाटा पर ही नजर डालें तो पता चलता है कि विभिन्न माध्यमों को मिलने वाले विज्ञापनों में कमी आई है, लेकिन यह कमी अन्य के मुकाबले सबसे कम 26.13 प्रतिशत है। टीवी में यह गिरावट 46.15 प्रतिशत, रेडियो में 71.43 और प्रिंट में सबसे ज्यादा 84 प्रतिशत देखी गई है।   



कोरोनावायरस  के कारण देश में लॉकडाउन चल रहा है। ऐसे में लोग घरों पर ही हैं। तमाम लोग घरों से ही काम  कर रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मीडिया का इस्तेमाल अथवा खपत काफी बढ़ी है। हालांकि, टीवी पर व्युअरशिप में तो काफी इजाफा हुआ है, लेकिन विज्ञापन राजस्व  के मामले में यह उतना बेहतर नहीं कर पाया है। वहीं, इंडस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट्स का मानना है कि लॉकडाउन के बाद किसी भी अन्य सेक्टर की तुलना में  डिजिटल मीडिया काफी तेजी से आगे बढ़ेगा।


विशेषज्ञों का मानना है कि जब अर्थव्यवस्था ठीक होनी शुरू होगी तो मीडिया को कुछ विज्ञापन वापस मिलने शुरू हो जाएंगे। जब भी यह होगा तो  डिजिटल और टीवी सबसे पहले रिकवर करेंगे। डिजिटल की खपत में तो पहले ही उछाल देखा जा रहा है और टीवी की बात करें तो वहां एडवर्टाइजिंग का पैसा बड़ी कंपनियों से आता है और इसका उसे लाभ मिलेगा। जो सेक्टर्स सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग  और स्थानीय विज्ञापनों पर निर्भर हैं, वे जल्दी अपनी पुरानी रफ्तार पकड़ेंगे। जिन माध्यमों की पहुंच ज्यादा होगी वे तेजी से रिकवर करेंगे। लॉकडाउन खत्म होने के बाद विज्ञापन मिलने शुरू हो जाएंगे। उन छोटे शहरों में जहां मेट्रो शहरों की तुलना में कोविड-19 का प्रभाव कम है, वहां से ज्यादा विज्ञापन मिलने की उम्मीद है। सप्लाई चेन सामान्य होने पर जहां लाइव एंटरटेनमेंट, ट्रैवल और रेस्टोरेंट्स जैसे सेक्टर्स को पटरी पर वापस आने में थोड़ा समय लगेगा, अन्य सेक्टर्स तेजी से वापस अपने ढर्रे पर लौट आएंगे।  


समाचार4 मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार जहाँ तक रिकवरी की बात है, तमाम माध्यमों ने अपने पुराने बिजनेस मॉडल का रिव्यू शुरू कर दिया है और नए रेवेन्यू ऑप्शंस दिए हैं। जैसे-प्रिंट इंडस्ट्री में ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ ने अपने ई-पेपर के लिए सबस्क्रिप्शन शुल्क लेना शुरू कर दिया है। कंपनियां पहले से ही कई कदम उठा रही हैं।  उन्हें कुछ नए उपाय तलाशने होंगे और मीडिया में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।


 


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