चित्रगुप्त मंदिरों में पूजा-अर्चना, घर-घर में दीप प्रज्वलन


जयपुर।  कायस्थ समाज के इष्टदेव भगवान चित्रगुप्त की जयंती गुरुवार को बड़ी धूमधाम के साथ मनाई गई। हर साल गंगा सप्तमी (वैशाख शुक्ला सप्तमी) को देशभर में चित्रगुप्त जयंती पारंपरिक धूमधाम और उल्लास के साथ मनाई जाती है। लॉकडाउन  के कारण इस बार चित्रगुप्त जयंती पर सामूहिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया, लेकिन राजधानी जयपुर में रहने वाले हजारों कायस्थ परिवारों ने अपने-अपने घरों पर ही जयंती का आयोजन किया। 



साथ ही, शहर में बापू नगर, कायस्थों की बगीची, सिविल लाइंस, मालवीय नगर, मुरलीपुरा, मानसरोवर, सुभाष चैक और प्रताप नगर आदि विभिन्न स्थानों पर श्री चित्रगुप्त मंदिरों में विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा गया कि लाॅकडाउन के नियमों का पूरी तरह पालन किया जाए।
कायस्थ जनरल सभा के समन्वयक देवेंद्र सक्सेना ‘मधुकर‘ ने बताया कि श्री चित्रगुप्त जयंती के अवसर पर सभा की 38 सहयोगी संस्थाओं के माध्यम से जयपुर में विभिन्न स्थानों पर असहाय एवं जरूरतमंद लोगों के बीच भोजन के 10 हजार से अधिक पैकेट वितरित किए गए।
कायस्थ जनरल सभा, जयपुर के महासचिव अनिल माथुर ने बताया कि पिछले करीब 15 वर्षों से जयपुर की 38 कायस्थ कार्यकारी संस्थाएं श्री चित्रगुप्त जयंती पर एक साझा कार्यक्रम आयोजित करती रही हैं। ये सभी संस्थाएं अब कायस्थ जनरल सभा, जयपुर के झंडे तले एक हैं और इसीलिए इस बार कायस्थ जनरल सभा के तत्वावधान में श्री चित्रगुप्त जयंती के कार्यक्रम आयोजित किए गए। कायस्थ जनरल सभा, जयपुर की अपील पर चित्रांश बंधुओं ने गुरुवार शाम को अपने-अपने घर में परिवार के साथ 11 दीपक प्रज्वलित कर श्री चित्रगुप्त जी महाराज का पूजन किया। दिन में भी अनेक घरों में चित्रगुप्त भगवान का अभिषेक कर पूजा-अर्चना की गई और व्यंजन-पकवान बनाकर श्री चित्रगुप्त जी के भोग लगाया गया और आरती-स्तुति प्रस्तुत की गई।


पुराणों के अनुसार वैशाख मास शुक्ल पक्ष सप्तमी के दिन, जिसे गंगा सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है, उस दिन भगवान श्री चित्रगुप्त जी का प्राकट्य हुआ है। इस संदर्भ में जयपुर की सभी संस्थाओं ने अपने-अपने तरीके से समाज में अपील जारी की थी और लोगों से आग्रह किया था कि वे इस दौरान आराध्य देव की पूजा-अर्चना के साथ-साथ जरूरतमंद लोगों को भोजन करवाएं और जानवरो को चारा तथा पक्षियों को दाना डालें।



चित्रगुप्त जयंती पर भोजन का वितरण करते हुए कायस्थ जनरल सभा, जयपुर के महासचिव अनिल माथुर। 





Popular posts from this blog

देवदास: लेखक रचित कल्पित पात्र या स्वयं लेखक

नई चुनौतियों के कारण बदल रहा है भारतीय सिनेमा

‘कम्युनिकेशन टुडे’ की स्वर्ण जयंती वेबिनार में इस बार ‘खबर लहरिया’ पर चर्चा