प्रधानमंत्री ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रमुख लोगों के साथ गहन विचार-विमर्श किया






नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने ‘कोविड-19’ के फैलने से उत्‍पन्‍न विकट चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए  वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चैनलों के प्रमुख हितधारकों के साथ व्‍यापक विचार-विमर्श किया।  प्रधानमंत्री ने पहले ही दिन से इस महामारी के खतरे की गंभीरता को व्‍यापक रूप में समझने के लिए मीडिया का धन्यवाद किया और इस बारे में जागरूकता बढ़ाने में चैनलों द्वारा निभाई गई अहम भूमिका की प्रशंसा की। उन्होंने पत्रकारों, कैमरामैनो और टेक्निशियनों के समर्पण भाव एवं प्रतिबद्धता की सराहना की, जो देश भर में विभिन्‍न क्षेत्रों में जाकर और न्यूजरूम में डटकर अथक परिश्रम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने  उनकी इस कड़ी मेहनत को राष्ट्र सेवा की संज्ञा दी है। उन्होंने कुछ चैनलों के अभिनव आइडिया जैसे कि घर से ही एंकरिंग की व्यवस्था करने की भी प्रशंसा की।



प्रधानमंत्री ने ‘कोविड-19’ को एक जीवन पर्यन्‍त चुनौती करार देते हुए  कहा कि इससे नए और अभिनव तरीकों से निपटने की आवश्यकता है। उन्‍होंने कहा कि एक लंबी लड़ाई हमारे सामने है, अत: ‘सामाजिक दूरी या एक-दूसरे से दूरी रखने’ के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना अत्‍यंत जरूरी है और इसके साथ ही चैनलों के लिए यह भी आवश्‍यक है कि वे नवीनतम घटनाक्रमों एवं प्रमुख सरकारी फैसलों से आम जनता को बड़ी तेजी से एवं प्रोफेशनल तौर पर आसानी से समझ में आने वाली भाषा में अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि चैनलों को एक ओर तो यह सुनिश्चित करना है कि लोग सदैव सतर्क रहें एवं लापरवाही न बरतें और दूसरी ओर सकारात्मक संचार या संवाद के जरिए लोगों में फैले निराशावाद एवं घबराहट को समाप्‍त करना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि डॉक्टरों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सदैव प्रेरित रखना अत्‍यंत आवश्यक है क्योंकि वे ही इस लड़ाई में नेतृत्‍व कर रहे हैं।


प्रधानमंत्री ने कहा कि समाचार चैनल दरअसल आवश्‍यक जानकारियों या फीडबैक का एक महत्वपूर्ण साधन हैं, और सरकार निरंतर इस फीडबैक पर काम कर रही है। उन्होंने चैनलों को ये सुझाव भी दिए कि फील्‍ड–वर्क कर रहे संवाददाताओं या पत्रकारों को विशेष बूम माइक प्रदान करें और साक्षात्कार लेते समय कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखने जैसी सावधानियां बरतें। उन्होंने चैनलों को विज्ञान संबंधी रिपोर्टों या सूचनाओं से अधिक से अधिक लोगों को अवगत कराने,  बिल्‍कुल सटीक जानकारी रखने वाले लोगों को अपनी चर्चाओं में शामिल करने और गलत सूचनाओं के प्रसार की समस्‍या से निपटने को भी कहा। उन्होंने वायरस को फैलने से रोकने के लिए नागरिकों के अनुशासन और सामाजिक दूरी बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया।


मीडिया जगत के प्रतिनिधियों ने इस गंभीर चुनौती से निपटने में प्रधानमंत्री के नेतृत्व और कड़ी मेहनत के लिए उनका धन्यवाद किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को इस महामारी का सामना करने में उनके साथ मिलकर काम करने का आश्वासन दिया।


   आम जनता के साथ प्रधानमंत्री के भावनात्मक जुड़ाव का उल्‍लेख करते हुए  इन प्रतिनिधियों ने उनसे राष्ट्र को और भी अधिक बार संबोधित करने और सकारात्मक गाथाओं, विशेषकर कोविड-19 को मात देने वाले लोगों के अनुभवों को अपने संबोधन में शामिल करने का अनुरोध किया। इन प्रतिनिधियों ने कहा कि पत्रकारों की जांच करने के लिए एक ऐसा विशेष विभाग स्थापित किया जा सकता है जिसमें डॉक्टर चाबीसों घंटे उपलब्ध रहें। इससे महामारी से जुड़ी अफवाहों से भी निपटने में मदद मिलेगी। यह सुझाव भी दिया गया कि प्रसार भारती को हर दिन दो बार प्रामाणिक जानकारी देनी चाहिए जिसका उपयोग अन्य टीवी चैनल कर सकते हैं।


 


   केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री; सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव और प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संगठनों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों तथा संपादकों ने इस अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण विचार-विमर्श में भाग लिया।


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