लॉकडाउन 21 दिन का ही क्यों- विशेषज्ञों की सलाह पर किया गया फैसला
जयपुर। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को देशभर में 21 दिनों के लॉकडाउन का एलान किया। यह लॉकडाउन 14 अप्रैल तक जारी रहेगा। 21 दिन के लॉकडाउन पर सबसे पहले आपके दिमाग में यह सवाल उठ रहा होगा कि ये सिर्फ 21 दिन का ही क्यों? 14 दिन या पूरा एक महीना क्यों नहीं? 21 दिन के लॉकडाउन से हम क्या हासिल कर सकते हैं? तो इसके पीछे भी वैज्ञानिकों का तर्क है। कोरोना के चरित्र को देखते हुए डॉक्टरों और एक्सपर्ट की सलाह पर 21 दिन लॉकडाउन रखने का फैसला लिया गया है। कोरोना वायरस 14 दिन तक सक्रिय रहता है, मरीज में लक्षण 7 दिन में दिखने लगते है।
14 दिन (7 अप्रैल) तक पता चल जाएगा कि कौन बीमार है। जो बीमार है वो घर में ही रहा है तो अगले 7 दिन (14 अप्रैल) तक उनके परिवार के लक्षण भी दिख जाएंगे। यानि अगले 14 तारीख तक आप घर में रहे तो इस वायरस से संक्रमित होने का खतरा कम हो जाएगा। कोरोना वायरस को रोकने के लिए लॉकडाउन सबसे कारगर तरीका है। दुनिया के तमाम देशों ने इसे बहुत पहले ही लागू कर दिया था। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, इस महामारी से संक्रमित एक व्यक्ति सिर्फ हफ्ते 10 दिन में सैकड़ों लोगों तक इसे पहुंचा सकता है। यह इतनी तेजी से फैलता है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या को 1 लाख होने में 67 दिन लगे थे। उसके बाद 2 लाख लोगों तक पहुंचने में सिर्फ 11 दिन लगे। आप खुद ही इसका अंदाजा लगा सकते हैं कि इसकी रफ्तार कितनी तेज होगी।
लॉकडाउन का अर्थ है लोगों को घरों से निकलने पर पाबंदी। लॉकडाउन किसी आपदा के वक्त सरकारी तौर पर लागू किया जाता है। जिस इलाके को लॉकडाउन किया जाता है उस इलाके के लोगों को घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होती है। व्यक्ति केवल जरूरत के समानों के लिए ही बाहर जा सकता है यानी आप अनावश्यक कार्य के लिए सड़कों पर नहीं निकल सकते। अगर आपको लॉकडाउन की वजह से किसी तरह की परेशानी हो रही हो तो आप संबंधित पुलिस थाने, जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक अथवा अन्य उच्च अधिकारी को फोन कर सकते हैं। इसे लेकर सभी राज्यों ने हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिए हैं। मौजूदा वक्त में हेल्थ इमरजेंसी के तहत देश के तमाम हिस्सों में लॉकडाउन लगाया गया है।