अभी कोरोना तो 1986 में हड़ताल के कारण ठप पड़ गई थी फिल्म इंडस्ट्री

मुंबई। चीन से लेकर अमेरिका और इटली से लेकर ईरान तक कोरोनावायरस की मार इस वक्त लोग झेल रह हैं। इस असर से भारत भी अछूता नहीं है। भारत में भी कोरोनावायरस के कई मामले सामने आ चुके हैं।  पर्यटन, एविएशन से लेकर फिल्म उद्योग तक हर फील्ड में इसका असर देखा जा रहा है। बात करें फिल्म इंडस्ट्री की तो फिल्मों, वेब सीरीज़ की शूटिंग 31 मार्च तक टाल दी गई है, फिल्मों की रिलीज़ डेट आगे खिसका दी गई है, कई राज्यों में सिनेमाघर तक बंद कर दिए गए हैं । लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसी ही स्थिति आज से 34 साल पहले 1986 में भी सामने आई थी जब सभी सिनेमाघर बंद कर दिए गए थे।



2020 में जहां कोरोनावायरस के डर से दिल्ली, केरल, नागपुर, गुजरात, ग्वालियर, नोएडा, गाज़ियाबाद, मुंबई और जम्मू कश्मीर में सिनेमाघर बंद कर दिए गए हैं तो वहीं ऐसे ही हालात 1986 यानि आज से 34 साल पहले भी सामने आए थे। हालांकि तब कारण अलग थे और अब अलग। 1986 में पूरी बांबे फिल्म इंडस्ट्री ने अपनी 3 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल की थी और तब सभी सिनेमाघर बंद कर दिए गए थे। महाराष्ट्र सरकार से इनकी मांगे थी- 


कैमरे और साउंड रिकॉर्डिंग मशीन को छोड़कर सभी वस्तुओं से नए बिक्री कर को समाप्त करना, बांग्लादेश युद्ध के समय शुरू किए गए सिनेमाघरों के टिकटों पर विशेष अधिभार को खत्म करना और मनोरंजन कर में कटौती। बाद में इन मांगों पर कोई सहमति नहीं बनी  और फिल्म इंडस्ट्री को अपने हड़ताल वापस लेनी पड़ी थी। 


Popular posts from this blog

देवदास: लेखक रचित कल्पित पात्र या स्वयं लेखक

नई चुनौतियों के कारण बदल रहा है भारतीय सिनेमा

‘कम्युनिकेशन टुडे’ की स्वर्ण जयंती वेबिनार में इस बार ‘खबर लहरिया’ पर चर्चा