फर्जी विज्ञापन देने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी, क़ानून में होगा बदलाव


नई दिल्ली।  केंद्र सरकार ने फर्जी विज्ञापन देने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है और क़ानून में बदलाव का  मसौदा तैयार कर लिया है।  रिपोर्ट के मुताबिक़ स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने ड्रग्स एंड मैजिक रेमिडीज (ऑब्जेक्शनेबल एडवर्टाइजमेंट) बिल को अंतिम रूप दे दिया है।  इसके तहत वह मौजूदा ड्रग्स एंड मैजिक रेमिडीज (ऑब्जेक्शनेबल एडवर्टाइजमेंट) एक्ट 1954 में संशोधन करने जा रही है। इसमें कहीं ज्‍यादा समस्‍याओं को कवर किया गया है।  बिल में एड्स, डायबिटीज, बहरापन और कम दिखना जैसी समस्‍याओं का इलाज कर देने का दावा करने वाले विज्ञापनों पर बैन लगाने का प्रस्‍ताव है। लिस्‍ट को ज्‍यादा व्‍यापक बनाया गया है, इसमें तमाम तरह की समस्‍या की लिस्‍ट 54 से बढ़ाकर 78 की गई है। 



चेहरे को गोरा बनाने, लंबाई बढ़ाने या फिर मोटापे से छुटकारा दिलाने जैसे विज्ञापन देने वाली कंपनियों को इस बिल के दायरे में लाया गया है।  इस तरह के फर्जी और भ्रामक विज्ञापन देने वाली कंपनियों पर 50 लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है। यही नहीं, 5 साल तक की जेल भी हो सकती है।  जल्‍द ही सरकार इसे लेकर नया कानून लाने जा रही है। 


अपनी बिक्री को बढ़ाने के लिए कंपनियां अक्‍सर इस तरह के फर्जी दावों का सहारा लेती हैं।  अमूमन इनमें किसी प्रोडक्‍ट के जादुई असर को दिखाया जाता है।  इसमें बताया जाता है कि कैसे कोई उनके प्रोडक्‍टों का उपभोग करके ज्‍यादा लंबा, ताकतवर या गोरा हो सकता है। 


 


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