99 स्मार्टफोन एक टोकरी में रखे और गूगल मैप को बनाया बेवकूफ

नई दिल्ली।  बर्लिन के एक आर्टिस्ट ने गूगल मैप पर खाली सड़क पर फेक ट्रैफिक जाम दिखाने का दावा किया है। उन्होंने 99 स्मार्टफोन एक टोकरी में रखे और बर्लिन की सड़क पर चक्कर लगाया। उन्होंने इसका वीडियो भी जारी किया है। गूगल मैप बड़े शहरों में गाड़ी चलाने के लिए ईंधन के बाद दूसरी जरूरी चीज बनता जा रहा है। लोग मैप पर ट्रैफिक देखकर ही अपना रास्ता चुनते हैं। मैप अपने आप सही रास्ता सुझा भी देता है। लेकिन बर्लिन के एक आर्टिस्ट ने गूगल मैप को बेवकूफ बनाने का दावा किया है। 



सिमॉन वेकेर्ट ने यूट्यूब पर इसका वीडियो भी शेयर किया है। वीडियो में उन्होंने दिखाया है कि कैसे उन्होंने बर्लिन की खाली सड़कों पर एक आभासी ट्रैफिक जाम गूगल मैप्स पर दिखा दिया। 


ऐसा करने के लिए उन्होंने 99 स्मार्टफोन्स पर जीपीएस चालू कर उन्हें एक टोकरी में डाल लिया। वह इस टोकरी को बर्लिन की खाली सड़कों पर लेकर घूमने लगे। यहां तक कि वे बर्लिन में मौजूद गूगल के दफ्तर के सामने होकर भी गुजरे। इतने सारे फोन एक साथ होने की वजह से गूगल मैप्स को लगा कि इतने सारे यूजर एक साथ इकट्ठे हैं। इसका मतलब गूगल मैप्स ने जाम समझा और मैप्स पर स्लो मूविंग ट्रैफिक यानी धीमी रफ्तार से चल रहा ट्रैफिक दिखाया। वहीं सिमॉन खाली सड़क पर इक्का-दुक्का वाहनों के साथ चल रहे थे। दरअसल गूगल अपने यूजरों द्वारा भेजे गए डाटा का इस्तेमाल कर ही ट्रैफिक का हाल बताता है। गूगल किसी भी इलाके में मौजूद एंड्रॉयड यूजरों की हलचल से ही बताता है कि उस इलाके में ट्रैफिक की स्थिति कैसी है। अगर वहां मौजूद एंड्रॉयड यूजरों की चहलकदमी सामान्य है तो गूगल मैप ट्रैफिक सामान्य बताता है। अगर यह चहलकदमी धीमी है तो गूगल इसे स्लो मूविंग ट्रैफिक या जाम बताता है। एक साथ इतने डिवाइसों के एक साथ होने को गूगल मैप ने कई सारे यूजरों का एक साथ होना समझा जिसकी वजह से मैप ने इसे ट्रैफिक जाम शो किया। 


गूगल ने आधिकारिक रूप से इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। अगर मैप की ये खामी सही पाई जाती है तो इसमें सुधार की जरूरत होगी क्योंकि किसी गंभीर परिस्थिति के समय ऐसा फेक ट्रैफिक जाम समस्या पैदा कर सकता है। 


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