ख़बरों की विश्वसनीयता के लिए उनमें तथ्यों का होना बहुत जरूरी-प्रधानमन्त्री

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि ख़बरों की विश्वसनीयता के लिए उनमें तथ्यों का होना बहुत जरूरी है और तथ्यों को बदलने से मीडिया की छवि को भी नुक्सान पहुंचता है।  उन्होंने मीडिया संस्थानों से कहा है कि वे जनता के समक्ष विवेकपूर्ण और तार्किक ढंग से खबरें पेश करें। 



प्रधानमन्त्री ने चेन्नई में आयोजित तमिल की राजनीतिक और व्यंग्य पत्रिका ‘तुगलक’ के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम को दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित किया। इस दौरान मोदी ने कहा कि स्वच्छता अभियान और प्लास्टिक से फैल रहे प्रदूषण के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने में मीडिया ने बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मीडिया, राष्ट्र निर्माण की इस तरह की पहल को सपोर्ट करना जारी रखेगा। 


उन्होंने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए तथा तीन तलाक को समाप्त कर, आर्थिक रूप से कमजोरों के लिए दस प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था करने के साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग की स्थापना और आयुष्मान भारत योजना लागू करके सरकार ने पुरानी समस्याओं के समाधान की पहल की है।


प्रधानमंत्री का कहना था कि देश तेज गति से विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है, लेकिन कुछ समाज विरोधी समूहों को यह परिवर्तन हजम नहीं हो रहा है। यही कारण है कि ऐसे समूहों/संगठनों द्वारा अपने निहित स्वार्थ के लिए लोगों को गुमराह करने और अशांति फैलाने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में विश्वसनीय तरीके से तथ्यों के साथ लोगों को खबरें उपलब्ध कराने की मीडिया की जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है।


इस मौके पर उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने चेन्नई में पत्रिका के कर्मियों को पुरस्कृत किया। उन्होंने कहा कि मीडिया संस्थानों को पत्रकारिता में नैतिकता बनाए रखनी चाहिए। उनका कहना था कि किसी भी मामले में प्रश्न उठाते समय भी सकारात्मक रहने से लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूत करने में मदद मिलेगी।


उपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि लोगों की प्राथमिकता में सबसे पहले देश होना चाहिए, फिर पार्टी और सबसे आखिर में खुद को होना चाहिए। उन्होंने ‘तुगलक’ मैगजीन के संस्थापक दिवंगत संपादक चो रामास्वामी  का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी कलम किसी डर अथवा दबाव के आगे नहीं झुकी और उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में एक मिसाल कायम की है।


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