जेकेके में बाल कलाकारों पेश किए रंगारंग कार्यक्रम

 


जयपुर। जवाहर कला केंद्र में चल रहे चिल्ड्रंस फेस्टिवल के तीसरे दिन मंगलवार को तबला वादक गुरु डॉ. अंकित पारीक के निर्देशन में बाल कलाकारों ने शानदार ‘इंस्ट्रूमेंटल परफॉर्मेंस‘ दी। बाल कलाकारों ने तबला वादन के माध्यम से गणेश स्तुति करते हुए कार्यक्रम की शुरूआत की। इसके पश्चात उन्होंने ‘कायदा‘ और ‘टुकड़े‘ भी पेश किये। तबले पर ‘सवाल-जवाब‘, ट्रेन एवं घोड़े की आवाज, परण तथा तीन ताल को अठगुन में बजाते हुए तिहाई लगाई तो बाल फनकारों को संगीत प्रेमियों की भरपूर तालियां मिली। कार्यक्रम के दौरान बाल कलाकारों की ताल कहरवा की शानदार प्रस्तुति पर मुग्ध संगीत प्रेमियों ने तालियों से बेहद खूबसूरत से सामंजस्य बैठाया। लोकप्रिय भजन ‘रघुपति राघव राजा राम’ के साथ इंस्ट्रूमेंटल परफॉर्मेंस का समापन हुआ।



तबला वादन के बाद बच्चों ने राजस्थानी लोक गीतों की मधुर प्रस्तुतियां दी। उन्होंने राग मांड पर आधारित ‘केसरिया बालम‘ से प्रारम्भ करते हुए राग भूपाली में ‘प्रथम नमन‘ एवं ‘चम-चम चमके चूंदड़ी बिणजारा रे‘ और राग देस पर आधारित बंदिश ‘मेहां रे‘ पेश की। बाल कलाकारों ने ‘बन्ना रे बागा मां झूला‘ और ‘म्हारा डिग्गीपुरी का राजा‘ जैसे लोकप्रिय लोक गीत भी पेश किए।


इसके पश्चात् कथक गुरु तरुणा जांगिड़ पारीक के निर्देशन में बाल कलाकारों ने जयपुर घराने का शुद्ध कथक नृत्य प्रस्तुत किया। उन्होंने ‘राग यमन कल्याण‘ पर आधारित गीत ‘मोरे श्याम‘ पर शानदार नृत्य पेश करते हुए गोवर्धन लीला और नरसिंह अवतार को साकार किया।


अक्षत, ईशांत, ध्रुव, तन्मय, अथर्व, रोहित एवं दक्ष द्वारा तबला वादन की प्रस्तुति दी गई। साथ ही, पारुल, शुभांगी, मुदिता, नित्यांशी और इशिता ने लोक प्रस्तुतियां दी। कथक नर्तक कलाकार तन्वी, तृप्ति, मुस्कान, अनन्या, रिद्धिमा एवं दीक्षा थे।


इससे पूर्व स्टूडेंट तनिष्का द्वारा एक मेडिटेशन सेशन आयोजित किया गया। इसमें प्रतिभागियों ने तनाव मुक्ति की विभिन्न तकनीकें सीखी। एलिस ज़ू  की पुरस्कार विजेता एनिमेटेड शॉर्ट फिल्म ‘सोर‘ की स्क्रीनिंग भी की गई, जिसमें आत्मविश्वास के महत्व पर प्रकाश डाला गया।


बुधवार को ‘चिल्ड्रंस फेस्टिवल‘  में आयोजित होने वाले कार्यक्रम इस प्रकार हैं- 


स्टोरी टेलिंग वर्कशॉप - ‘चिल्ड्रंस फेस्टिवल‘ के तहत कृष्णायन सभागार में 8 एवं 9 जनवरी को मालविका जोशी द्वारा स्टोरी टेलिंग वर्कशॉप का संचालन किया जाएगा। वर्कशॉप के तहत 5 से 8 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए प्रातः 9 से 11 बजे और 9 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए प्रातः 11.30 से 1 बजे इन वर्कशॉप्स का आयोजन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त मदर्स, टीचर्स एवं अन्य इच्छुक व्यक्तियों के लिए ये वर्कशॉप्स दोपहर 3 बजे से 4.30 बजे भी आयोजित की जाएगी।


पपेट मेकिंग वर्कशॉप - बालोत्सव में 8 से 10 जनवरी को रिहर्सल हॉल में तीन दिवसीय ‘पपेट मेकिंग वर्कशॉप‘ आयोजित की जाएगी। कपिल देव और मनोज भाट द्वारा संचालित इस वर्कशॉप में बच्चे न केवल कठपुतलियां बनाना सीखेंगे, बल्कि उन्हें राजस्थानी लोक कला में इनके महत्त्व की जानकारी भी दी जाएगी। वर्कशॉप के तहत 5 से 8 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए प्रातः 9 से 11 बजे और 9 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए प्रातः 11.30 से 1 बजे इन वर्कशॉप्स का आयोजन किया जाएगा।


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