'पानीपत' को लेकर उत्तर प्रदेश में भी विरोध की चिंगारी और फ़ैली

जयपुर।  निर्देशक आशुतोष गोवारीकर की फिल्म 'पानीपत' में राजा सूरजमल के चित्रण को गलत तरीके से पेश करने को लेकर राजस्थान के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी विरोध की चिंगारी फैलती जा रही है।  उत्तर प्रदेश में अनेक स्थानों पर फिल्म डायरेक्टर के पुतले फूंके जा रहे हैं तो आगरा में छह सिनेमाघरों में फिल्म का शो ही बंद कर दिया गया।


मेरठ, बिजनौर, शामली, बुलंदशहर, बागपत, मुरादाबाद, अमरोहा में लोग सड़क पर उतर गए और फिल्म डायरेक्टर के पुतले फूंके। कई जगहों पर प्रदर्शन के डर से शाम का शो रद्द कर दिया गया। मेरठ में फिल्म पानीपत को लेकर विभिन्न सामाजिक संगठनों का विरोध जारी रहा। कमिश्नरी चौराहे पर गोरक्षा सेवा समिति ने प्रदर्शन कर फिल्म को प्रतिबंधित करने, अपमानजनक दृश्य को हटाने की मांग की।



शामली में उत्तर प्रदेश जाट महासभा व अखिल भारतीय जाट महासभा ने फिल्म के डायरेक्टर, प्रोडूसर व लेखक के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग करते हुए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम शामली को सौंपा। फिर उन्होंने नगर में जुलूस निकालते हुए विजय सिनेमा पर पहुंचकर हंगामा किया। बिजनौर में जाट समाज के अधिवक्ताओं ने फिल्म के विरोध में जजी चौराहे पर पुतला फूंककर निर्माता व निर्देशक पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग की। बागपत के बड़ौत में जनता वैदिक इंटर कालेज के घासीराम गेट के पास जाट संघर्ष समिति व महाराज सूरजमल संघर्ष समिति ने फिल्म निर्माता एवं निर्देशक का पुतला फूंका। बुलंदशहर में राष्ट्रीय जाट एकता मंच के जिला अध्यक्ष गौरव प्रताप सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ता एकत्र होकर एमएमआर मॉल पहुंचे और रोष जताया।


 


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