क्या हम चाहते हैं कि अदालत बंद कर हम इस तमाशे को देखें? 



 






नई दिल्ली।  ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वीमेन एसोसिएशन ने हैदराबाद में एनकाउंटर में डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के आरोपी 4 लोगों को मार गिराने की घटना की आलोचना  की है।  एसोसिएशन ने कहा है कि यह न्याय नकली है।  यह व्यवस्था न्याय के रूप में हत्या की पेशकश करती है, जो महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करती, जो अपराध साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत उपलब्ध करना सुनिश्चित नहीं करती। मारे गए चारों लोग अभियुक्त थे, हमें नहीं पता कि वो वास्तव में डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के आरोपी थे या नहीं। 
संगठन ने कहा कि यह पुलिस, न्यायपालिका, सरकारों और महिलाओं के लिए न्याय और गरिमा के प्रति जवाबदेही की मांग को बंद करने की चाल है। इस कथित मुठभेड़ की जांच होनी चाहिए और ज़िम्मेदार पुलिसकर्मियों को गिरफ़्तार कर उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।  सभी अभियुक्त पुलिस हिरासत में थे और निहत्थे थे तो पुलिस का दावा झूठ लगता है कि उन्होंने पुलिस पर हमला किया जिसकी कार्रवाई में वो मारे गए। 




मानवाधिकार कार्यकर्ता कल्पना कन्नाबिरन ने फ़ेसबुक पर लिखा है - "चार लोगों को मार डाला गया. क्या यही न्याय है? क्या हम चाहते हैं कि अदालतें अपना काम बंद कर दें और इस तमाशे को देखें?"






Popular posts from this blog

नई चुनौतियों के कारण बदल रहा है भारतीय सिनेमा

‘कम्युनिकेशन टुडे’ की स्वर्ण जयंती वेबिनार में इस बार ‘खबर लहरिया’ पर चर्चा

वैश्विक गायक मुकेश पर ‘सान्निध्य लंदन’ ने किया विशेष अन्तरराष्ट्रीय सभा का आयोजन