जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शामिल होंगे 250 से अधिक वक्ता
जयपुर। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2020 में पूरे भारत और दुनिया के 250 से अधिक वक्ता हिस्सा लेंगे, जो जलवायु परिवर्तन, महिलाओं की आवाज़, यात्रा, विज्ञान और तकनीक, अर्थव्यवस्था और इतिहास जैसे विविध विषयों पर अपनी बात रखेंगे| जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल ने 250 से अधिक वक्ताओं की सूची जारी की, जिसमें देश-विदेश के श्रेष्ठ नाम शामिल हैं| फेस्टिवल हर साल की तरह इस बार भी वक्ताओं के तौर पर लेखकों, चिंतकों, राजनेताओं, पत्रकारों और लोकप्रिय सांस्कृतिक हस्तियों की मेजबानी करेगा, जो विभिन्न क्षेत्रों और भाषाओँ का प्रतिनिधित्व करेंगे| इनमें नोबेल, मैन बुकर, पुलित्ज़र, साहित्य अकादेमी, रेमन मैग्ससे और साउथ एशियाई लिटरेचर का डीएससी प्राइज प्राप्त करने वाले प्रतिष्ठित लेखक भी शामिल हैं|
प्रोग्राम में कला, फैशन व जीवनशैली, जीवनी, बिजनेस व अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन, करेंट अफेयर्स, खान, जीवित भाषाएं, काव्य, विज्ञान व तकनीक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, लिंग और लेखन प्रक्रिया जैसे विविध विषयों की भरमार होगी|
कुछ विशेष सत्रों में नोबल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी का सत्र 'पुअर इकोनॉमिक्स: फाइटिंग ग्लोबल पावर्टी', शामिल है, जिसमें वह विकसित अर्थव्यवस्था के प्रति अपनी फील्ड-रिसर्च का नजरिया प्रस्तुत करेंगे| वो समझाएंगे कि वास्तविक दुनिया में गरीबी मिटाने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं| हमारी दुनिया को समझने के लिए यह एक प्रेरक सत्र रहेगा|
राजनैतिक दार्शनिक और प्रेरक आनंद गिरिधरदास ने अपनी कामयाब किताब विनर्स टेक आल: द इलीट शरेड ऑफ़ चेंजिंग द वर्ल्ड में उच्च वर्ग की पड़ताल की है| किताब 'दुनिया बदलने में' विश्व के रईसों के प्रयास पर रौशनी डालती है| आनंद गिरिधरदास से उद्यमी और निवेशक मोहित सत्यानंद चर्चा करेंगे|
पिछले दशक में बाढ़ ने भारतीय शहरों को आक्रामक रूप से अपने आगोश में लिया है| मुंबई, सूरत, श्रीनगर, चेन्नई, पटना और केरल के कई शहर बाढ़ और नाले के पानी से भर गए थे| यह कोई इक्की-दुक्की घटना नहीं, बल्कि पर्यावरण पर बढ़ते खतरे का संकेत है| इस विषय पर मार्कस मोएंच के साथ अर्थशास्त्री, पर्यावरणविद और राजनेता जयराम रमेश, लेखक विजू बी और कृपा गे चर्चा करेंगे|
'एशिया राइजिंग', सत्र में लेखक और भूतपूर्व पुर्तगाली मंत्री ब्रूनो मार्केस, भारतीय प्रधानमंत्री के भूतपूर्व-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, और जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर दीपक नय्यर चर्चा करेंगे कि आज की इस नई दुनिया में एशिया का क्या स्थान है| शिवशंकर मेनन ने अपनी हालिया किताब, पास्ट प्रेजेंट: इंडिया इन एशियन जिओपॉलिटिक्स में एशिया पर विस्तार से लिखा है| दीपक नय्यर ने रिसर्जेंट एशिया लिखी, जिसमें पिछले पचास सालों में हुए विकास और आर्थिक बदलावों पर लिखा गया है और ब्रूनो मार्केस की हालिया किताब द डान ऑफ़ यूरेशिया: ऑन द ट्रेल ऑफ़ न्यू वर्ल्ड ऑर्डर, में यूरोप और एशिया के सम्बन्ध पर लिखा है|
सत्र 'डूडलस ऑन लीडरशिप' में टाटा संस के डायरेक्टर आर.गोपालकृष्णन के साथ उद्यमी और निवेशक मोहित सत्यानंद बिजनेस जगत के लिए समुदाय और समाज के रिश्ते पर बात करेंगे| गोपालकृष्णन एक बिजनेस लीडर के सफर पर रौशनी डालते हुए, आज के समाज में उनकी भूमिका पर बात करेंगे|
ब्रिटिश की प्रमुख विदेश संवाददाता क्रिस्टीना लैम्ब जानी-मानी पत्रकार सुहासिनी हैदर नुजीन के बारे में बात करेंगी| नुजीन जिसने युद्धरत सीरिया को छोड़, व्हीलचेयर पर बैठे-बैठे ही पूरे यूरोप का सफर तय किया| कामयाब किताब 'आई एम मलाला' की सह-लेखिका क्रिस्टीना लैम्ब ने नुजीन की कहानी के माध्यम से वैश्विक इमरजेंसी का मानवीय चेहरा सामने रखने की कोशिश की है| नुजीन की कहानी ने पहले ही लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है| अलेप्पो में पांचवें माले के अपार्टमेंट में फंसी लड़की, जो स्कूल तक नहीं जा सकती थी, उसने यूएस टेलीविजन के माध्यम से खुद इंग्लिश बोलना सीखा| जब वहां नागरिक रुद्ध छिड़ा और ISIS ने कब्जा किया, तो पहले तो नुजीन और उसका परिवार उनके गृह नगर कोबने गए, फिर तुर्की और फिर दूसरे लाखों शरणार्थियों के साथ यूरोप के शरणार्थी गृहों में पहुंचा दिए गए|
हिंदी की दो लोकप्रिय और प्रेरक लेखिकाएं अपने काम के माध्यम से महिलाओं का नजरिया प्रस्तुत करने की कोशिश करेंगी| बहु-पुरस्कृत और शानदार लेखिका चित्रा मुद्गल, और कई पुरस्कृत काव्य-संग्रह और उपन्यास लिखने वाली अनामिका से अनुवादक और लेखिका रोहिणी चौधरी 'एक ज़मीन अपनी: राइटिंग द फिमिनिन' सत्र में चर्चा करेंगी|
एक और सत्र में प्रसिद्ध अदाकारा मधुर जाफरी, इंडियन खाने की आइकोनिक एम्बेसडर दिल्ली में बिताए अपने सफ़र, इस्माइल मर्चेंट, जेम्स आइवरी और रुथ प्रवीर झाबवाला से जुड़ाव, और फिल्म-थियेटर के सफर पर चर्चा करेंगी| 86 वर्षीय अदाकारा, लेखिका से उपन्यासकार चंद्रहास चौधरी चर्चा करेंगे|
फेस्टिवल के दौरान, लेखिका और फेस्टिवल की सह-निदेशक, नमिता गोखले अपने नए उपन्यास, जयपुर जर्नल्स का लोकार्पण भी करेंगी| रंगीले जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की पृष्ठभूमि में लिखा गया यह उपन्यास एक रूप में 'धरती के सबसे बड़े साहित्यिक शो' को लिखा गया प्रेम-पत्र है, तो दूसरे रूप में ये उन लाखों महत्वाकांक्षी लेखकों के नाम है, जो अपनी अप्रकाशित रचनाओं को झोले में लिए घूमते हैं| ये उन तन्हा लेखकों के नाम एक समर्पण है| नमिता गोखले की 18 किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें से 9 किताबें फिक्शन हैं| राजनयिक और लेखक शशि थरूर और कवि व गीतकार जावेद अख्तर के साथ वह अपने नए उपन्यास और अपने लेखक और फेस्टिवल डायरेक्टर के, दोहरे व्यक्तित्व पर चर्चा करेगी|
'द अनार्की' सत्र में इतिहासकार, लेखक और फेस्टिवल के सह-निदेशक विलियम डैलरिम्पल दुनिया की सबसे बड़ी कॉर्पोरेट पॉवर, ईस्ट इंडियन कंपनी और उसकी निर्ममता पर चर्चा करेंगे| जाने-माने लेखक मनु एस. पिल्लई सत्र परिचय देंगे|
लेखिका और जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की को-डायरेक्टर नमिता गोखले ने कहा, “मानवीय कल्पना और सपनों को साकार करने के लिए, इस जनवरी जयपुर में लेखक और चिंतक जुटेंगे| हम दुनिया का सबसे बड़ा फ्री फेस्टिवल हैं और शायद सबसे युवा भी, क्योंकि यहां आने वाले श्रोताओं में 60% से अधिक 25 वर्ष से कम उम्र के होते हैं| हम इस संवाद को संस्कृति, समुदाय और पीढ़ियों के परे ले जाना चाहते हैं|”
लेखक, इतिहासकार और जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के को-डायरेक्टर, विलियम डेलरिम्पल ने कहा, “इस साल हमारे फेस्टिवल में दुनिया की श्रेष्ठ प्रतिभाएं शिरकत करने वाली हैं| कथेतर के क्षेत्र में हमारे वक्ताओं में दुनिया के श्रेष्ठ इतिहासकार, जीवनीकार, संस्मरण लेखक और यात्रा लेखक शामिल होंगे, जिनमें पुलित्ज़र पुरस्कार विजेता सितारे जैसे स्टीफन ग्रीनब्लाट, डेक्सटर फिल्किंस, आनंद गोपाल और सुकेतु मेहता शामिल हैं| बुकर विजेताओं में हमारे साथ होंगे होवार्ड जैकबसन, जॉन लंचेस्टर, लीला स्लिमानी और एलिजाबेथ गिल्बर्ट| हमारे अन्य महत्वपूर्ण अतिथियों में लैम सिस्से, साइमन आर्मिटेज, फोरेस्ट गंडर और पॉल मुल्डून का नाम लिया जा सकता है| इसके साथ ही हमारा विशेष ध्यान जलवायु परिवर्तन पर होगा, जिस पर बात करेंगे डेविड वाल्लास-वेल्स|”