एयरटेल का डीटीएच बाजार पर बड़ा दांव लगाने की तैयारी

मुंबई। भारती एयरटेल डायरेक्ट टु होम (डीटीएच) बाजार पर बड़ा दांव लगाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए उसने दोहरी रणनीति बनाई है और सावधानीपूर्वक अपनी एफटीटीएच पेशकश में भी विस्तार कर रही है। डिश टीवी के साथ विलय होने पर एयरटेल की पहुंच काफी नए घरों तक सुनिश्चित होगी। विश्लेषकों का कहना है कि डिजिटल केबल की पहुंच अभी भी करीब 40 फीसदी भारतीय टीवी परिवारों तक है। जबकि डीटीएच की पहुंच तेजी से बढ़ रही है और उसकी बाजार हिस्सेदारी करीब 34 फीसदी है।



डिश टीवी के साथ भारती एयरटेल के डायरेक्ट टु होम (डीटीएच) कारोबार के विलय की घोषणा जल्द होने वाली है। इससे इस दूरसंचार कंपनी को होम ब्रॉडबैंड एवं मनोरंजन क्षेत्र में अपनी प्रमुख प्रतिस्पर्धी रिलायंस जियो को टक्कर देने के लिए एक दमदार प्लेटफॉर्म हासिल होगा। दोनों कंपनियों के बीच यदि विलय होता है तो एकीकृत कंपनी के पास 6.89 करोड़ डीटीएच ग्राहकों में करीब 54 फीसदी हिस्सेदारी होगी। ऐसे में वह इस क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी टाटा स्काई को काफी पीछे छोड़ देगी। टाटा स्काई की बाजार हिस्सेदारी 32 फीसदी है।


यह पहल ऐसे समय में की गई है जब जियो केबल क्षेत्र में अपनी स्थिति सुदृढ़ कर रही है। हैथवे और डेन नेटवक्र्स के अधिग्रहण के बाद जियो की पहुंच 20 करोड़ टीवी घरों में से करीब 2.3 करोड़ घरों तक हो जाएगी जो करीब 12 फीसदी है। भारती की नजर भी उसी बाजार तक पहुंच बनाने पर है। केबल कंपनियों के करीब 20 लाख ग्राहक ब्रॉडबैंड को अपना रहे हैं और ऐसे में जियो को केबल नेटवर्क को फाइबर से बदलने और उन ग्राहकों को फाइबर टु द होम (एफटीटीएच) सेवाओं की पेशकश करने में एक अवसर दिख रहा है। एफटीटीएच सेवाओं में हाईस्पीड इंटरनेट, ओटीटी (ओवर द टॉप) सेवा के साथ-साथ टीवी भी शामिल हैं। जियो खुद अपने बल पर ओटीटी और ब्रॉडबैंड के साथ एफटीटीएच सेवाएं शुरू कर रही है। उसकी नजर पहले चरण में 2 करोड़ घरों तक पहुंच बनाने पर है।


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