फिल्म धरोहर मिशन का पहला चरण शुरू, फिल्मी सामग्री को डिजिटाइज करने की योजना

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय  ने हाल ही पुणे में नेशनल फिल्म आर्काइव ऑफ इंडिया (एनएफएआई) में फिल्म कंडीशन एसेस्मेंट प्रोजेक्ट की शुरुआत की है । इस प्रोजेक्ट के तहत देश में फिल्मों को सुरक्षित रखने के लिए विश्व स्तर की सुविधाएं जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। फिल्म कंडीशन एसेस्मेंट दरअसल राष्ट्रीय फिल्म धरोहर मिशन (नेशनल फिल्म हैरिटेज मिशन- एनएफएचएम) के कार्यान्वयन का पहला चरण है। इस अवसर पर सूचना-प्रसारण सचिव ने कहा कि सरकार देश के फिल्मी धरोहर को सुरक्षित बनाए रखने की दिशा में प्रतिबद्ध है और वैश्विक मानकों के अनुरूप भावी पीढ़ी के लिए फिल्मों और गैर फिल्मी सामग्रियों के परिरक्षण के लिए सभी संभव कदम उठा रही है। इस योजना के तहत करीब 600 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
यह दुनिया में अपनी तरह की पहली परियोजना है जिसमें सरकार फिल्म संरक्षण के पहलू की दिशा में भारी धनराशि खर्च कर रही है जिससे कि समृद्ध फिल्मी धरोहर आने वाली पीढिय़ों के लिए उपलब्ध कराई जा सके।  एनएफएआई में लगभग 1,32,000 फिल्मों की रीलों की स्थिति का आकलन किया जाएगा और इन रीलों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। पहले चरण के दौरान, प्रत्येक फिल्म की रील को ट्रैक किया जाएगा और आरएफआईडी टैगिंग के द्वारा उनकी निगरानी की जाएगी।
इस अवसर पर  गैर फिल्मी सामग्री के डिजिटाइजेशन की एनएफएआई की पहल की भी शुरुआत की। सूचना-प्रसारण सचिव ने कहा कि सरकार की डिजिटल इंडिया पहल की दिशा में यह एक कदम है जिसमें देश की फिल्मी धरोहर को डिजिटाइज किया जाएगा और उनका पुन: स्थापन किया जाएगा तथा व्यापक स्तर पर उसे लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा। एनएफएआई बड़ी संख्या में पोस्टरों, तस्वीरों, गीत पुस्तिकाओं, इश्तेहारों, प्रेस क्लिपिंग, स्लाइड ट्रांसपेरेंसी, ग्लास निगेटिव्स आदि जैसी फिल्म सहायक सामग्रियों का परिरक्षक रहा है जिन्हें इस प्रक्रिया के दौरान डिजिटाइज किया जाएगा तथा उनका पुन: स्थापन किया जाएगा। 
एनएफएचएम देश के समृद्ध सिनेमाई धरोहर के संरक्षण, परिरक्षण, डिजिटाइजेशन और पुन: स्थापन के लिए केंद्र सरकार का एक सम्मानित मिशन है। नेशनल फिल्म आर्काइव ऑफ इंडिया (एनएफएआई) इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए नोडल संगठन है। परियोजना के कार्यान्वयन के लिए 597.41 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। 


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