पत्रकारों के लिए आचार संहिता तैयार करने का सुझाव
उपराष्ट्रपति ने कहा कि केवल कानून बनाने से अपेक्षित परिवर्तन नहीं लाया जा सकता। उन्होंने मीडिया से आह्वान किया कि वह भ्रष्टाचार और लैंगिक एवं जातिगत भेदभाव जैसी सामाजिक बुराइयों को दूर करने की आवश्यकता पर जनता की राय बनाने में सकारात्मक भूमिका निभाए। उन्होंने कहा, 'हमने स्वच्छ भारत अभियान को बढ़ावा देने में मीडिया द्वारा बनाए गए सकारात्मक प्रभाव को देखा है।'
नायडू ने कहा कि मीडिया संस्थानों को पत्रकारों के लिए आचार संहिता तैयार करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र की रक्षा करने और समाज के बड़े भलाई के लिए पत्रकारिता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के मद्देनजर हमें इस महत्वपूर्ण चौथे स्तंभ को मजबूत करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सच्चाई से कभी समझौता नहीं किया जाता है। उन्होंने मीडिया से आग्रह किया कि खबरों को विचारों के रंग में नहीं रंगना चाहिए। उन्होंने वस्तुनिष्ठता, निष्पक्षता और सटीकता बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, 'न्यूजरूम की निष्पक्षता और पवित्रता को हर हाल में बरकरार रखा जाना चाहिए।'
उन्होंने कहा कि पाठकों और दर्शकों के लिए निष्पक्ष, वस्तुनिष्ठ, सटीक और संतुलित सूचना प्रस्तुत करने के लिए पत्रकारों को पत्रकारिता के मौलिक सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए द्वारपाल की भूमिका निभानी चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि यह 'फर्जी समाचार' के मामले आने के बाद और सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रभाव पैदा करने के बाद वर्तमान समय में यह कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने कहा कि सनसनीखेज, पक्षपाती कवरेज और पेड न्यूज मीडिया आधुनिक चलन बन गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में राय देने वाली रिपोर्टिंग को व्याख्यात्मक रिपोर्टिंग नहीं कहा जा सकता है।
नायडू ने इस तथ्य पर चिंता व्यक्त की कि व्यापारिक समूह और यहां तक कि राजनीतिक दल अपने हितों को आगे बढ़ाने के लिए समाचार पत्र और टीवी चैनल स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'इससे पत्रकारिता के मूल उद्देश्य खत्म हो रहे हैं।'
उपराष्ट्रपति ने कहा कि स्वतंत्रता और जिम्मेदारी को अविभाज्य नहीं माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि मीडिया को न केवल लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए प्रहरी के रूप में काम करना चाहिए बल्कि उसे दलित वर्ग के सच्चे चैंपियन के रूप में भी काम करना चाहिए। उसे समाज को त्रस्त करने वाली बीमारियों से लड़ाई के मोर्चे पर होना चाहिए।